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Sunday May 12, 2024
Aryavart Times

आत्मनिर्भर भारत के लिये 20 लाख करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक पैकेज की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा

आत्मनिर्भर भारत के लिये 20 लाख करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक पैकेज की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों और छोटे-मंझोले उद्यमों के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की। हालांकि इसमें सरकार की ओर से पिछले दिनों दी गई आर्थिक सहायता और रिजर्व बैंक के फैसलों के जरिए दी गई राहत भी शामिल है। यह पैकेज देश की जीडीपी के 10 फीसदी के आसपास है।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’का नया नारा देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है जब देश को आत्मनिर्भर बनना होगा और इसके लिए हर वर्ग को अपनी भूमिका निभानी होगी। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए स्थानीय  पर जोर देना होगा। यानी लोकल को वोकल होना पड़ेगा। उनके मुताबिक, आत्मनिर्भरता का अभियान पांच स्तंभों पर टिका होगा: अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, प्रणाली, जीवंत लोकतंत्र और मांग।

बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज के एक हिस्से के बारे में विस्तार से जानकारी दी कि इससे किस क्षेत्र को क्या मिलेगा। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्यमों (एमएसएमई) को 3 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। यह लोन 4 साल के लिए और शत प्रतिशत गारंटी-फ्री होगा।

गैरबैंकिग वित्तीय कंपनियों की लिक्विडिटी की समस्या दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम शुरू होगी। मुश्किलों में घिरी राज्यों की बिजली उत्पादक कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों को भी इससे फायदा मिलेगा। 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों की सैलरी का 24 प्रतिशत हिस्सा सरकार उनके भविष्य निधि खाते में जमा करेगी।

इन कदमों के जरिये देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाने की बात उन्होंने भी दोहराई। दरअसल यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना के इस दौर में हर देश को अपनी अर्थव्यवस्था का ढांचा नए सिरे से खड़ा करना होगा। आपसी सहयोग की जरूरत तो उन्हें पड़ेगी लेकिन भूमंडलीकरण जैसे रिश्तों की वापसी अब शायद संभव नहीं है। वैसे भी अमेरिका सहित कई देशों ने संरक्षणवादी नीतियां पहले ही अपनानी शुरू कर दी थीं। अभी के हालात में बाहरी बाजार या पूंजी से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए हमें अपने अंदर की संभावनाओं को पहचानना होगा और खुद को भीतर से ताकतवर बनाना होगा।

निर्मला सीतारमण ने अन्य हिस्सों के बारे में अलग अलग दिन जानकारी देते हुए कहा कि लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यमों पर दिवालियापन के तहत कार्रवाई न हो ऐसे में सीमा एक लाख से एक करोड़ की गई। कोरोना वायरस की वजह से कर्ज में आईं कपंनी को डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि दीक्षा के जरिए ई-कॉन्टेंट मुहैया करवाया जाएगा। वन क्लास, वन चैनल (पहली से 12वीं) की शुरुआत की जाएगी। रेडियो, कम्यूनिटी रेडियो से भी पढ़ाई में मदद ली जाएगी। दिव्यांगों के लिए विशेष शिक्षा सामग्री तैयार की जाएगी। 100 टॉप यूनवर्सिटीज को ऑनलाइन पढ़ाई की इजाजत दी गई है। मनोचिकित्सा हेल्प मनोदर्पण नाम से प्रोग्राम चलाया जाएगा।

हेल्थ सर्विस में बदलाव पर सीतारमण ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य व्यय बढ़ाएगी। जिला स्तर के हॉस्पिटल में इंफेक्शन से होनेवाली बीमारी से लड़ने की तैयारी होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में हर ब्लॉक में पब्लिक हेल्थ लैब बनाई जाएंगी।

 निर्मला सीतारमण ने मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया ।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करोना संकट से लड़ते हुए दुनिया को चार महीने से ज्यादा समय बीत गया और इस दौरान दुनियाभर में 42 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए व पौने तीन लाख लोगों की मौत हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत में भी अनके परिवारों ने अपने स्वजन खोए, सबके प्रति संवेदना जताता हूँ। एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया, हमने ऐसा संकट ने देखा है न सुना है। मानव जाति के लिए सबकुछ अकल्पनीय है, यह संकट अभूतपूर्व है।







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