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Sunday April 28, 2024
Aryavart Times

देश में बढ़ रहा है बर्ड फ्लू का खौफ, जानें कि कहां लगी चिकन बिक्री पर रोक

देश में बढ़ रहा है बर्ड फ्लू का खौफ, जानें कि कहां लगी चिकन बिक्री पर रोक

कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश के लिए बर्ड फ्लू खौफ का नया सबब बन गया है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत के बाद सरकारें अलर्ट हैं। मध्य प्रदेश और हिमाचल के एक-एक जिले में चिकन बिक्री पर रोक भी लगा दी गई है।

केरल और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से भेजी गई मुर्गे-मुर्गियों की कोई भी खेप अगले 10 दिन तक मध्य प्रदेश की सीमा में दाखिल नहीं हो सकेगी । मध्य प्रदेश सरकार ने हालात की समीक्षा के बाद बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) की रोकथाम के लिए यह अहम फैसला किया है। 

इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में बर्ड फ़्लू के चलते चिकन बेचने पर पाबंदी के आदेश जारी किए गए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "केरल और दक्षिण भारत के कुछ अन्य राज्यों में मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं. लिहाजा हमने तय किया है कि इन राज्यों से भेजे गए मुर्गे-मुर्गी अगले 10 दिन तक मध्यप्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकेंगे." उन्होंने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों के इस अंतरराज्यीय परिवहन पर रोक को लेकर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन को निर्देश जारी किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप को नियंत्रित करने के लिए केरल में मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मारना पहले ही शुरू कर दिया गया है।

वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले में एवियन फ्लू की पुष्टि के बाद 4 सब डिविजन को सील कर दिया गया है और इलाके में अंडा, मीट, पोल्ट्री उत्पादों और मछलियों की बिक्री रोक दी गई है।

राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वेंटलैंड और इसके आसपास में 28 दिसंबर के बाद करीब 3,000 प्रवासी पक्षियों की मौत होने और पक्षियों में फैल रहे एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएन्जा को देखते हुए इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया।

अधिकारियों ने कहा कि वेंटलैंड के आसपास अलग-अलग जगहों से एकत्र किए गए जीवित घरेलू पक्षियों के करीब 120 नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि अब तक यहां मुर्गियों में अस्वाभाविक मौत के मामले सामने नहीं आए हैं। हालांकि, अगर नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो उस सूरत में झील के एक किलोमीटर की परिधि में सभी मुर्गियों को मारने की कार्रवाई करनी होगी।

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में बुधवार को पक्षियों के संक्रमण के ताजा मामले सामने आने के बाद राज्य के पांच जिलो में बर्ड फ्लू फैल गया है।

इससे पूर्व एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण एच5एन8 झालावाड़, कोटा, बारां और जयपुर जिलों में पाया गया था।

पशुपालन विभाग के अनुसार, बुधवार को राज्य में 410 और पक्षियों की मौत होने से राज्य में अब तक पक्षियों की मौत का कुल आंकड़ा 1458 पहुंच गया है।

बहरहाल, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, एवियन इन्फ्लुएंजा (एआई) वायरस सदियों से पूरी दुनिया में मौजूद है। पिछली शताब्‍दी में इसके चार बड़े प्रकोप दर्ज हुए हैं। भारत में एवियन इन्फ्लुएंजा का पहला प्रकोप 2006 में अधिसूचित किया गया था। भारत में मनुष्यों में अभी तक इसके संक्रमण का पता नहीं चला है, हालांकि यह बीमारी ज़ूनोटिक है। इस बात का ऐसा कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला है कि प्रदूषित पोल्ट्री उत्पादों की खपत के माध्यम से एआई का वायरस मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है।

आईसीएआर-एनआईएचएसएडी से संक्रमित नमूनों की पुष्टि के बाद, एआई का निम्नलिखित राज्यों (12 महामारी केंद्रों) में पता चला है -

राजस्थान (कौवा) - बारां, कोटा, झालावाड़

मध्य प्रदेश (कौवा) - मंदसौर, इंदौर, मालवा

हिमाचल प्रदेश (प्रवासी पक्षी) - कांगड़ा

केरल (पोल्ट्री-बतख) - कोट्टायम, अल्लपुझा (4 महामारी केन्‍द्र)

तदनुसार, 01 जनवरी 2021 को राजस्थान और मध्‍यप्रदेश राज्यों को एक-एक सलाह जारी की गई है, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। 







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