34.5c India
Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

12वीं कक्षा की शेष परीक्षा पर जल्द उचित फैसला करेगा सीबीएसई : बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

12वीं कक्षा की शेष परीक्षा पर जल्द उचित फैसला करेगा सीबीएसई : बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई) को 10वीं एवं 12वीं की शेष विषयों की परीक्षा रद्द करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षाफल जारी करने के अनुरोध पर विचार करने को कहा था । इस पर सीबीएसई ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह देश में कोविड-19 के मामलों वृद्धि के मद्देनजर 12वीं कक्षा की शेष परीक्षा के आयोजन के बारे में उठाये गये मुद्दे पर बहुत जल्द ही उचित फैसला करेगा। 

शीर्ष अदालत में दायर एक याचिका में एक जुलाई से 15 जुलाई के दौरान इन परीक्षाओं का आयोजन रद्द करने का अनुरोध किया गया है। 

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। बोर्ड ने इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था ताकि इस विषय पर उसके निर्णय से न्यायालय को अवगत कराया जा सके। पीठ ने बोर्ड के वकील के कथन का संज्ञान लेते हुये इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई 23 मई के लिये स्थगित कर दी। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘बहस के दौरान सीबीएसई के वकील रूपेश कुमार ने न्यायालय को सूचित किया कि इस याचिका में उठाये गये विषय के बारे में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बहुत जल्द ही उचित निर्णय लेने की प्रक्रिया में है।’’ 

न्यायालय 12वीं कक्षा के कुछ छात्रों के अभिभावकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि अभी तक हो चुकी परीक्षाओं और बाकी विषयों के आंतरिक आकलन के आधार पर परीक्षा फल घोषित करने का सीबीएसई को निर्देश दिया जाये।

याचिका में लाखों बच्चों की सुरक्षा का सवाल उठाते हुये कहा गया था कि कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और इन परीक्षाओं में शामिल होने पर छात्रों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम रहेगा। इस याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुये बोर्ड ने विदेशों में स्थित करीब 250 स्कूलों में 10वीं और 12वीं की परीक्षायें रद्द कर दी हैं और प्रैक्टिकल परीक्षाओं अथवा आंतरिक आकलन के आधार पर छात्रों को अंक देने का तरीका अपनाया है। इसी तरह की प्रक्रिया अब भी अपनाई जा सकती है।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़