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Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

सावन के महीने में हर मनोकामनाएं होगी पूरी

सावन के महीने में हर मनोकामनाएं होगी पूरी

आचार्य अमित कुमार पाण्डेय (श्री ब्रह्म वेद विद्यालय, वाराणसी)

भगवान शिव अपने भक्‍तों की पूजा से बहुत जल्‍दी ही प्रसन्‍न हो जाते हैं लेकिन आप अपनी कुछ विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं तो शिव का रुद्राभिषेक करना सबसे शुभ उपाय हो सकता है.

सारी मनोकामना पूरी करने का सरल उपाय है शिव का रुद्राभिषेक

महादेव को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय है रुद्राभिषेक. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सही समय पर रुद्राभिषेक करके आप शिव से मनचाहा वरदान पा सकते हैं. क्योंकि शिव के रुद्र रूप को बहुत प्रिय है अभिषेक तो आइए जानते हैं, रुद्राभिषेक क्यों है इतना प्रभावी और महत्वपूर्ण....

रुद्राभिषेक की महिमा

भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है. कहते हैं कि रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा सकते हैं तो आप भी सही समय पर रुद्राभिषेक करिए और शिव कृपा के भागी बनिए...

रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं.

शिव जी की कृपा से सारे ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है.

शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है.

रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ करते हैं.

सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है.

रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं.

रुद्राभिषेक कोई भी कष्ट या ग्रहों की पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है.

कौन से शिवलिंग पर करें रुद्राभिषेक?

अलग –अलग शिवलिंग और स्थानों पर रुद्राभिषेक करने का फल भी अलग होता है. आइए हम आपको बताते हैं कि कौन से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना ज्यादा फलदायी होता है...

मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम होता है.

इसके अलावा घर में स्थापित शिवलिंग पर भी अभिषेक कर सकते हैं.

रुद्राभिषेक घर से ज्यादा मंदिर में, नदी तट पर और सबसे ज्यादा पर्वतों पर फलदायी होता है.

शिवलिंग न हो तो अंगूठे को भी शिवलिंग मानकर उसका अभिषेक कर सकते हैं.

अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने का फल

रुद्राभिषेक में मनोकामना के अनुसार अलग-अलग वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है. ज्योतिष मनाते हैं कि जिस वस्तु से रुद्राभिषेक करते हैं उससे जुड़ी मनोकामना ही पूरी होती है तो आइए जानते हैं कि कौन सी वस्तु से रुद्राभिषेक करने से पूरी होगी आपकी मनोकामना...

घी की धारा से अभिषेक करने से वंश बढ़ता है.

इक्षुरस से अभिषेक करने से दुर्योग नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने से इंसान विद्वान हो जाता है.

शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं.

गाय के दूध से अभिषेक करने से आरोग्य मिलता है.

शक्कर मिले जल से अभिषेक करने से संतान प्राप्ति सरल हो जाती हैं.

भस्म से अभिषेक करने से इंसान को मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कुछ विशेष परिस्थितियों में तेल से भी शिव जी का अभिषेक होता है.

रुद्राभिषेक कब होता है सबसे उत्तम?

कोई भी धार्मिक काम करने में समय और मुहूर्त का विशेष महत्व होता है. रुद्राभिषेक के लिए भी कुछ उत्तम योग बनते हैं. आइए जानते हैं कि कौन सा समय रुद्राभिषेक करने के लिए सबसे उत्तम होता है...

रुद्राभिषेक के लिए शिव जी की उपस्थिति देखना बहुत जरूरी है.

शिव जी का निवास देखे बिना कभी भी रुद्राभिषेक न करें, बुरा प्रभाव होता है.

शिव जी का निवास तभी देखें जब मनोकामना पूर्ति के लिए अभिषेक करना हो.

शिव जी का निवास कब मंगलकारी होता है?

देवों के देव महादेव ब्रह्माण्ड में घूमते रहते हैं. महादेव कभी मां गौरी के साथ होते हैं तो कभी-कभी कैलाश पर विराजते हैं. ज्योतिषाचार्याओं की मानें तो रुद्राभिषेक तभी करना चाहिए जब शिव जी का निवास मंगलकारी हो...

हर महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी को शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.

हर महीने कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या को भी शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और एकादशी को महादेव कैलाश पर वास करते हैं.

शुक्ल पक्ष की पंचमी और द्वादशी तिथि को भी महादेव कैलाश पर ही रहते हैं.

कृष्ण पक्ष की पंचमी और द्वादशी को शिव जी नंदी पर सवार होकर पूरा विश्व भ्रमण करते हैं.

शुक्ल पक्ष की षष्ठी और त्रयोदशी तिथि को भी शिव जी विश्व भ्रमण पर होते हैं.

रुद्राभिषेक के लिए इन तिथियों में महादेव का निवास मंगलकारी होता है.







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