34.5c India
Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

डिजिटल विभाजन को पाटने के लिये स्कूलों को संसाधन सम्पन्न बनाएं, स्वदेशी टैबलेट विकसित करें सरकार : समिति

डिजिटल विभाजन को पाटने के लिये स्कूलों को संसाधन सम्पन्न बनाएं, स्वदेशी टैबलेट विकसित करें सरकार : समिति

संसद की एक समिति ने देश के करीब 70 प्रतिशत हिस्से में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने या गुणवत्ता खराब होने का जिक्र करते हुए कहा है कि निम्न आय वर्ग के काफी घरों में स्मार्ट फोन, टैबलेट, डेस्कटॉप या लैपटाप कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, मजदूर एवं सीमांत वर्ग शिक्षा के लाभ से वंचित रह गए ।

समिति ने सरकार से कहा है कि उसे इस डिजिटल विभाजन को पाटने के लिये देशभर के सभी स्कूलों में उच्च तीव्रता वाले इंटरनेट कनेक्शन, कम से कम एक टीवी सेट, एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर तथा बड़ी स्क्रीन युक्त प्रोजेक्टर उपलब्ध कराना चाहिए । समिति ने कहा है कि सरकार को सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये कम लागत का स्वदेशी टैबलेट विकसित करना चााहिए। 

‘स्कूली लाकडाउन के कारण उत्पन्न अधिगम अंतराल को पाटने की योजना के साथ आनलाइन एवं आफलाइन शिक्षण, परीक्षा की समीक्षा तथा स्कूलों को फिर से खोलने की योजनाएं’विषय पर शिक्षा, महिला, बाल विकास, युवा एवं खेल मामलों की संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई । 

रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के काल में कनेक्टिविटी एवं उपकरणों (गैजेट्स) तक पहुंच डिजिटल शिक्षा से संबंधित आयामों को प्रभावित करने वाले दो महत्वपूर्ण आयाम थे । हालांकि स्कूली शिक्षा और साक्षारता विभाग के सचिव ने एक प्रश्न के उत्तर में समिति को सूचित किया कि ‘‘विभाग के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को कनेक्टिविटी के दायरे में लाने के लक्ष्य को पूरा करने में और दो साल लगने की संभावना है । ’’ 

समिति महसूस करती है कि पूरे देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी एवं इसकी गति तथा स्मार्ट फोन, टैबलेट, कम्प्यूटर, लैपटाप आदि की उपलब्धता दो महत्वपूर्ण विषय हैं । 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति अच्छी तरह से जानती है कि ये  सुविधाएं मेट्रो और बड़े शहरों में ज्यादा उपलब्ध है ।अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में इन सुविधाओं का अभाव है जो एक विशाल डिजिटल विभाजन का संकेत देते हैं । ’’

समिति ने कहा कि दूसरे शब्दों में देश के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से में इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है या उपलब्ध कनेक्टिविटी की गुणवत्ता खराब है । 

इसमें कहा गया है, ‘‘ निम्न आय वर्ग के काफी घरों में स्मार्ट फोन, टैबलेट, डेस्कटॉप या लैपटाप कम्प्यूटर नहीं है और यहां तक रेडियो, टेलीविजन भी उपलब्ध नहीं हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, मजदूर, महिलाएं एवं सीमांत वर्ग शिक्षा के लाभ से वंचित रह गए ।’’

समिति ने नोट किया कि टेलीविजन एवं रेडियो के माध्यम से छात्रों तक पहुंचने का प्रयास किया गया तथा कुछ राज्यों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के छात्रों को डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास भी किये गए । 

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों के संबंध में मंत्रालय के स्वयं के नमूना सर्वेक्षण से पता चलता है कि केवल 5 एवं 0.5 प्रतिशत छात्रों ने आनलाइन शिक्षा के लिये क्रमश: टेलीविजन एवं रेडियो का इस्तेमाल किया । 

इसमें कहा गया है, ‘‘ यूडीआईएसई रिपोर्ट 2019-20 में माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़कर जाने वालों की दर में वृद्धि भी बच्चों खासकर दूरदराज के क्षेत्रों से संबंधित और समाज के वंचित वर्गो पर स्कूल बंद होने और डिजिटल विभजन के प्रतिकूल प्रभाव का संकेत है। ’’

समिति ने सिफारिश की कि सरकार को इस डिजिटल विभाजन को पाटने के लिये देशभर के सभी स्कूलों में उच्च तीव्रता वाले इंटरनेट कनेक्शन, कम से कम एक टीवी सेट, एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर तथा बड़ी स्क्रीन युक्त प्रोजेक्टर उपलब्ध कराना चाहिए ।

समिति ने कहा कि माध्यमिक स्तर पर छात्रों के लिये मुफ्त पाठ्यपुस्तक प्रदान करने की बजाए प्रत्येक कक्षा के लिये प्री-लोडेड टैबलेट और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिये प्री लोडेड शैक्षणिक कार्यक्रम युक्त टैबलेट वितरित करने का कदम उठाया जा सकता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इसके लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से और आईआईटी, आईटी उद्योग, व्यापारिक घरानों आदि को शामिल करके कम लागत का स्वदेशी टैबलेट/लैटपाट विकसित करने का सुझाव दिया ।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़