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Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

गंगा नदी की मुख्यधारा पर सभी परियोजनाएं साल 2022 तक पूरी हो जायेंगी : एनएमसीजी महानिदेशक

गंगा नदी की मुख्यधारा पर सभी परियोजनाएं साल 2022 तक पूरी हो जायेंगी : एनएमसीजी महानिदेशक

गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता को सुनिश्चित करने के लिये पिछले कुछ वर्षो से काम चल रहा है हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर एक वर्ग सवाल भी उठा रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने नमामि गंगे कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता का कार्य एक सतत प्रक्रिया है । उन्होंने कहा कि  नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी की मुख्यधारा पर करीब 80 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हो गई हैं तथा शेष कार्य अगले दो वर्ष में पूरा हो जायेगा। 

मिश्रा ने ‘‘आर्यावर्त टाइम्स’’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ उत्तराखंड में नमामि गंगे योजना के तहत सभी बड़ी परियोजनाएं पूरी हो गई । उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और एक साल में शेष काम पूरा होने की उम्मीद है। झारखंड में दो शहर ही गंगा के किनारे हैं और राज्य में अगले दो महीने में काम पूरा हो जायेगा । ’’

उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत बिहार में दो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं । लेकिन यहां काम अभी बचा हुआ है। हमें उम्मीद है कि बिहार में साल 2022 तक अधिकांश कार्य पूरा हो जायेगा । पश्चिम बंगाल में भी कार्य आगे बढ़ रहा है। 

एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा, ‘‘ गंगा नदी की मुख्यधारा पर नमामि गंगे योजना के तहत करीब 80 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हो गई । हमें उम्मीद है कि साल 2022 तक नदी की मुख्यधारा पर सभी परियोजनाएं पूरी हो जायेंगी । ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ परियोजना के कार्यो को आगे बढ़ाने के लिये हमने पिछले कुछ दिनों से गंगा राज्यों के जिला अधिकारियों के साथ 7-8 के समूह में बैठक शुरू की है। कोविड-19 महामारी के कारण हम डिजिटल माध्यम से जिला अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं । उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के जिला अधिकारियों के साथ बैठक लगभग पूरी हो गई है। ’’ 

उन्होंने कहा कि जिला आधिकारियों से बैठक के जरिये हम जिला स्तर पर कार्यो की समीक्षा करने के साथ काम को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाना सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मई 2015 में नमामि गंगे परियोजना की शुरूआत की थी और इसके तहत पांच वर्षो में 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने के प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी । इसके तहत गंगा नदी के निर्मलता और अविरलता के उद्देश्य से उत्तराखंड, झारखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में जल मल शोधन संयंत्र, घाटों की सफाई, वृक्षारोपण, गाद एवं गंदगी की सफाई आदि कार्यो को करना निर्धारित किया गया था । 

मिश्रा ने बताया कि गंगा नदी के अलावा हमने यमुना एवं उसकी सहायक नदियों की सफाई के कार्य को आगे बढाया है। 

उन्होंने बताया, ‘‘ यमुना सहित गंगा की सहायक नदियों की निर्मलता के लिये हमने 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी । केवल यमुना नदी पर 18 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ’’

उन्होंने बताया कि यमुना नदी पर दिल्ली में 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जबकि मथुरा, वृंदावन, आगरा, इटावा आदि में एक-एक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 

एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा कि गंगा एवं सहायक नदियों की साफ सफाई सतत रूप से चलने वाला कार्य है।

उन्होंने बताया कि गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए एनएमसीजी के तहत चल रही नमामि गंगे परियोजना को इस बार प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार में शामिल कर लिया गया है।







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