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Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र पर साधा निशाना, विफलताएं छिपाने की कोशिश का आरोप लगाया

हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र पर साधा निशाना, विफलताएं छिपाने की कोशिश का आरोप लगाया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश में जब कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों की नई लहर दिख रही है और वे यह देखकर चिंतित हैं कि कई राज्य सरकारें समुचित कार्रवाई के उपाय करने और महामारी से निपटने के पिछले एक वर्ष के दौरान राष्ट्र को मिली सीख पर अमल करने में नाकाम रही हैं।

डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि राजनीतिक नेताओं के एक वर्ग द्वारा दिए जा रहे सभी बयान अत्यंत चिंताजनक है जिनमें 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने या वैक्सीन की पात्रता की न्यूनतम आयु के मानदंड में बहुत अधिक कमी लाने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि जब राज्य 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति के लिए वैक्सीन आपूर्ति किए जाने की बात करते हैं तो हमें कल्पना करनी होगी कि वे हेल्थ केयर वर्करों, फ्रंटलाइन वर्करों और वरिष्ठ नागरिकों को पूरी तरह कवर कर चुके हैं। लेकिन तथ्य इससे बहुत अलग हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब हम वरिष्ठ नागरिकों की बात करते हैं, महाराष्ट्र ने केवल 25 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन लगाई है, दिल्ली ने 30 प्रतिशत को और पंजाब ने केवल 13 प्रतिशत को वैक्सीन लगाई है। भारत के 4 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 50 प्रतिशत से अधिक को वैक्सीन लगाई गई है।

मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र ने हेल्थ वर्कर्स में से केवल 86 प्रतिशत को वैक्सीन की पहली खुराक दी है। दिल्ली के लिए यह प्रतिशत 72 और पंजाब के लिए 64 प्रतिशत है। दूसरी तरफ भारत के 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 90 प्रतिशत से अधिक यह काम कर लिया है।

डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि महाराष्ट्र ने केवल 41 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्करों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी है। दिल्ली में 41 प्रतिशत और पंजाब में 27 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर्स को दूसरी खुराक दी गई है। भारत के 12 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 60 प्रतिशत से अधिक यह काम कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के वर्करों में महाराष्ट्र ने केवल 73 प्रतिशत को वैक्सीन की पहली खुराक दी है। दिल्ली में यह संख्या 71 प्रतिशत और पंजाब में 65 प्रतिशत है। भारत के 5 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 85 प्रतिशत से अधिक को पहली खुराक दे दी गई है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने अग्रिम पंक्ति के 41 प्रतिशत वर्करों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई है। दिल्ली के लिए यह संख्या 22 प्रतिशत और पंजाब के लिए 20 प्रतिशत है। भारत के 6 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 45 प्रतिशत से अधिक को दूसरी खुराक दे दी गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘क्या यह स्पष्ट नहीं लगता कि ये राज्य टीकाकरण के अपने असंतोषजनक प्रयासों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं और वे केवल लगातार गोल-पोस्ट बदल रहे हैं?’’

उन्होंने कहा कि ऐसे जन स्वास्थ्य के मुद्दे को राजनीतिक रंग देना कुछ राजनीतिक नेताओं के लिए तोहमत है, जिसके बारे में उन्हें अधिक मालूम होना चाहिए।

डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि विशेष रूप से मैंने महाराष्ट्र में जन प्रतिनिधियों द्वारा वैक्सीन की कमी के बारे में दिए गए बयान देखे हैं। यह और कुछ नहीं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की महामारी के फैलाव पर नियंत्रण की बार-बार की नाकामी पर से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदारी से कार्य करने की महाराष्ट्र सरकार की अक्षमता उसकी समझ-बूझ से परे है। जनता के बीच दहशत फैलाना अज्ञानता को और बढ़ाना है।

मंत्री ने कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति पर रियल टाइम के आधार पर नजर रखी जा रही है और राज्य सरकारों को इस बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जाता है। वैक्सीन की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।







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