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Saturday April 27, 2024
Aryavart Times

चीता टास्क फोर्स का गठन,चीतों की प्रगति की समीक्षा करेगी

चीता टास्क फोर्स का गठन,चीतों की प्रगति की समीक्षा करेगी

पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य क्षेत्रों में चीतों की निगरानी के लिए एक कार्य दल का गठन किया है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) चीता टास्क फोर्स के कामकाज को सुगम बनाएगा और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। टास्क फोर्स दो साल की अवधि के लिए गठित किया गया है। 
यह टास्क फोर्स एक उपसमिति नियुक्त कर सकती है जो उनके द्वारा तय समय पर उन क्षेत्रों का नियमित रूप से दौरा करेगी जिनमें इन चीतों को छोड़ा गया है।
चीतों को यहां लाकर छोड़ा जाना मूल चीता आवासों और उनकी जैव विविधता के संरक्षण के लिए तैयार एक प्रोटोटाइप या मॉडल का हिस्सा है। 
इससे जैव विविधता के क्षरण और तेजी से नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी। एक शीर्ष शिकारी जीव को वापस ला कर यहां बसाने से ऐतिहासिक विकासवादी संतुलन पुनः स्थापित होगा जिसका इकोसिस्टम के विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
चीता को वापस लाने से इनके संरक्षण की दिशा में व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। चीता एक ऐसा जीव है जो गति के मामले में भारतीय मृगों और गज़ेलों को भी पीछे छोड़ देता है। चीता को फिर से बसाकर हम न केवल इसके शिकार आधार को बचाने में सक्षम होंगे जिसमें से कुछ प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं बल्कि घास के मैदानों की अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों और खुले वनों के इकोसिस्टम को भी बचाने में सक्षम होंगे। इनमें से कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं।
टास्क फोर्स का गठन का मकसद उनके स्वास्थ्य की समीक्षा, प्रगति और निगरानी के साथ-साथ एकांतवास और सॉफ्ट रिलीज बाड़ों का रख-रखाव किया जा सके, पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति, वन और पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा परिभाषित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा सके तथा भारत में चीता की स्थिति, उनके समग्र स्वास्थ्य, व्यवहार और उनके रख-रखाव के संबंध में एनटीसीए तथा मध्य प्रदेश वन विभाग को सलाह दी जा सके।
इसके अलावा इस टास्क फोर्स के माध्यम से कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के शिकार कौशल और अनुकूलन की निगरानी करने,चीता को एकांतवास से सॉफ्ट रिलीज बाड़ों और फिर संरक्षित घास के मैदानों व उसके बाद खुले वन क्षेत्र में छोड़ने की निगरानी की जायेगी ।
यह इको-टूरिज्म के लिए चीता संरक्षित वन क्षेत्र को खोलने और इस संबंध में नियम सुझाने तथा कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य संरक्षित क्षेत्रों के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास पर सुझाव और सलाह देगा ।







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