34.5c India
Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

आईआईटी परिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर चार कार्य समूहों का गठन किया

आईआईटी परिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर चार कार्य समूहों का गठन किया

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)  परिषद ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिये चार कार्य समूहों का गठन किया जो श्रेणीबद्ध स्वायत्ता, सशक्त और जवाबदेह संचालक बोर्ड (बीओजी), अकादमिक सुधार, नये वित्त पोषण मंत्र जैसे विषयों से संबंधित है ।  

इस आशय का निर्णय केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षत में हुई आईआईटी परिषद की बैठक में हुई । 

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विर्मश के लिए चार कार्य समूहों का गठन किया गया । 

इन कार्य समूहों में पहला श्रेणीबद्ध स्वायत्ता, सशक्त और जवाबदेह बीओजी और निदेशक से संबंधित है । दूसरा कार्य समूह आईआईटी के निदेशक पद के लिए प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को तैयार करने के विषय पर, तीसरा कार्य समूह अकादमिक सीनेट का सुधार और पुनर्गठन और चौथा कार्य समूह नये वित्त पोषण तंत्र से संबंधित है । 

इन सभी समूहों और फैकल्टी विकास पर काम करने वाले एक अन्य समूह की रिपोर्ट को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली बैठक में प्रस्तुत की जायेगी।

अधिकारियों ने बताया कि परिषद् की बैठक में ऑनलाइन आईआईटीअनुसंधान एवं विकास मेले का आयोजन करने पर भी विचार किया गया, ताकि देशभर में आईआईटी द्वारा किए जा रहे गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों का प्रदर्शन उद्योग जगत के समक्ष किया जा सके।

बैठक में कृत्रिम बुद्धिमता, क्लाउड कंप्युटिंग आदि के माध्यम से सभी आईआईटी में डिजिटल परिवर्तन लाने पर भी चर्चा की गई। इस दौरान सभी आईआईटी में प्रौद्योगिकी के उपयोग की समीक्षा करने और आईआईटी में डिजिटल उपकरणों को स्थापित करने के काम को गति देने के लिए एक कार्यबल का गठन करने की अनुशंसा की गई।

इस दौरान आईआईटी की ज़रूरत के हिसाब से कर्मचारियों की संख्याकी समीक्षा करने की अनुशंसा भी की गई।

बैठक में निशंक ने आईआईटी प्रमखों से कहा कि वे आईआईटी और उद्योगों के बीच फैकल्टी और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020के अनुरूप राष्ट्रीय विकास योजना विकसित करें। 

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी संस्थानों और उद्योगों के बीच फैकल्टी सदस्यों और उद्योग विशेषज्ञों के आदान-प्रदान से उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग बढ़ेगा।

शिक्षा मंत्री ने सभी आईआईटी से आग्रह किया कि वे स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर ‘एक आईआईटी- एक प्रमुख कार्य क्षेत्र’ वाले दृषिटकोण को अपनाकर आगे बढ़ें।

उन्होंने सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि मद्रास, दिल्ली, खड़गपुर और बॉम्बे स्थित चार आईआईटी के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए फंड को मंज़ूरी दी जा चुकी है। 

उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर फोकस करने के साथ-साथ शिक्षा संबंधी सभी विषयों के समग्र विकास के लिए आईआईटी को बहु-अनुशासनात्मक संस्थान बनाने की बात कही। 







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़