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Sunday April 28, 2024
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संसद ने राम मंदिर निर्माण पर चर्चा की, प्रधानमंत्री ने कहा- पांच वर्षो में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किये गए

संसद ने राम मंदिर निर्माण पर चर्चा की, प्रधानमंत्री ने कहा- पांच वर्षो में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किये गए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के समापण के अवसर पर कहा कि आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है।

उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रकार से आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है।

मोदी ने कहा कि मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहली पल को जीवंत रखने का... सेंगोल को स्थापित करने का काम किया।

इससे पहले, लोकसभा में शनिवार को नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा हुई।

चर्चा का प्रस्ताव भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने रखा। उन्होंने चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि राम विभिन्न धर्मों और भौगोलिक सीमाओं से परे सबके हैं।

उन्होंने कहा कि इस कालखंड में मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा होना अपने में ऐतिहासिक है। भगवान राम सांप्रदायिक विषय नहीं हैं। श्रीराम केवल हिंदुओं के लिए नहीं, वो हम सबके पूर्वज और प्रेरणा हैं। राम के समय में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई अलग-अलग मत, पंथ नहीं थे।

सिंह ने कहा कि 2007 में रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच रामसेतु परियोजना पर तत्कालीन संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दिया था कि राम नाम के कोई व्यक्ति नहीं हैं, वह काल्पनिक हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम को उस समय नकारा, इसलिए आज उनकी यह स्थिति है।

सिंह ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व को नकारना अपनी संस्कृति, सभ्यता, विरासत को नकारना था।

सिंह ने कहा कि हर युग में कुछ युगपुरुष होते हैं जिन्हें आने वाला समय याद रखता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे ही युगपुरुष, ऐसे ही दीदावर प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्हें राम मंदिर निर्माण का श्रेय जाता है।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आए, उन्होंने राम मंदिर बनाया और देश में रामराज्य लाने का भी काम किया।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वधर्म सद्भाव और सभी के सुखी होने की महात्मा गांधी की रामराज्य की परिकल्पना के आधार पर देश की सेवा करती आई है, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिलाएं सभी के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान जाने से इसलिए रोका गया ताकि उन्हें टीवी चैनलों पर आने का मौका नहीं मिले।

गोगोई ने कहा कि भाजपा सदस्यों के ‘जय श्रीराम’ के नारे में कटुता और क्रोध नजर आता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपकी वाणी में घृणा हो तो आप रामभक्त हो ही नहीं सकते।’’

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश का जन्म 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद नहीं हुआ। इस देश का जन्म 22 जनवरी 2024 को नहीं हुआ। राम लला 500 वर्ष पहले भी हमारे साथ थे। आज भी हैं, कल आपकी सरकार जाने के बाद भी हमारे साथ रहेंगे। राम हमारे मन में हैं।

उन्होंने कहा कि गांधीजी की रामराज्य की परिभाषा है, ‘‘जहां सभी खुश हैं, कोई दुखी नहीं।’’

गोगोई ने कहा, ‘‘मेरा हिंदू धर्म सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है। इसमें रामराज्य का रहस्य छिपा है।’’

उन्होंने कहा कि भगवान राम की सेना में पिछड़े, वंचित और शोषित लोग थे, उन्होंने सभी को ताकत दी थी, आत्मविश्वास दिया था।

गोगोई ने कहा, ‘‘यही तो गांधी के रामराज्य की परिभाषा थी। लेकिन आजअनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। क्या यह रामराज्य है। पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है क्योंकि उनके साथअन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है।’’

गोगोई ने कहा कि हम राम मंदिर निर्माण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा कि हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं।

कांग्रेस सांसद गोगोई ने कहा कि मैं सत्तापक्ष को सतर्क करना चाहूंगा कि हम नाथूराम (गोडसे) का रास्ता छोड़ें। अहंकार के रोग से बचें। रावण को अहंकार ने ही मारा। आपका अहंकार आपको महंगाई, देश में बढ़ती अस्थिरता को देखने से रोकता है।

चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़ी होने के नाते वह देश के संतों और जनता की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन करती हैं।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं और ऐसा करने वाले लोग ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं।

भाजपा की नेता ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने कभी इस घटना पर दुख जताया?

साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि वह राम जन्मभूमि आंदोलन का श्रेय (दिवंगत विहिप नेता) अशोक सिंहल को देना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि रामराज्य की अवधारणा को प्रधानमंत्री मोदी ने सही मायनों में लागू किया है।

साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि संत की कोई जाति नहीं होती। मुझे गर्व है कि मैं निषाद समाज में पैदा हुई हूं...प्रधानमंत्री जी का 56 इंच का सीना है कि उन्होंने निषाद राज, शबरी और राम मंदिर के नाम पर डाक टिकट जारी किया।

उन्होंने कुछ साल पहले की अपनी एक टिप्पणी पर हुए विवाद का हवाला देते हुए कहा कि मेरी बुंदेलखंडी भाषा के कारण एक शब्द निकल गया था। उसके लिए आठ दिन तक संसद नहीं चलने दी गई।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब एक बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्द बोला गया था तो उसकी जिम्मेदारी किसकी थी।

उन्होंने कहा कि गरीबों को सम्मान ‘युगपुरुष’ नरेन्द्र मोदी ने दिया है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम गुरुमूर्ति ने कहा कि सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का विकास किया जाए।

जनता दल (यू) के सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि सीता के बिना राम अधूरे हैं। सीतामढ़ी में भी एक भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए जो मां सीता की जन्मस्थली है।

भाजपा के प्रताप सारंगी ने कहा कि भगवान राम को राजनीति के कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जाती है।

उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कुछ लोगों ने सवाल किए।

सारंगी ने कहा, ‘‘भगवान राम हमारी आस्था हैं, उन पर सवाल उठाने का किसी को अधिकार नहीं हैं।’’

शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने कहा कि राम मंदिर कई पीढ़ियों के त्याग और तपस्या का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर कर दिया, लेकिन सदन में बैठे कुछ लोग अभी भी उसे औरंगाबाद बोलते हैं।

शिंदे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की आज भी अंग्रेजों की मानसिकता है।

जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब बिहार के सीतामढ़ी में सीताजी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर ट्रस्ट ही इस कवायद को पूरा करेगा।

पिंटू ने हर साल 22 जनवरी को अवकाश घोषित करने की मांग सरकार से की।

शिवसेना के राहुल शिवाले ने कहा कि नये भारत में ‘झूठी धर्मनिरपेक्षता’ के लिए कोई जगह नहीं है।







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