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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

उपमुख्यमंत्री बनने पर कोई रंज नहीं, पार्टी का आदेश सर्वोपरि : देवेंद्र फडणवीस

उपमुख्यमंत्री बनने पर कोई रंज नहीं, पार्टी का आदेश सर्वोपरि : देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र में पिछले दिनों चले राजनीतिक उठापटक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनने पर उन्हें कोई रंज नहीं है, पार्टी की जरूरत थी इसलिए उन्होंने इस पद के लिये शपथ लिया । उन्होंने कहा कि दोबारा जनादेश लेकर सरकार बनाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि वरिष्ठ नेताओं ने मुझे सरकार में शामिल होने के लिए कहा था। पार्टी नेताओं का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि था।
का एक बड़ा बयान सामने आया है। देवेंद्र फडणवीस ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इस बात की घोषणा कर दी है कि आखिर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री कैसे बने। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर मैं अनुरोध किया होता तो मैं मुख्यमंत्री बन सकता था।
उन्होंने कहा कि हमने विचारधारा के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री बनाया। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी दावा किया कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव मेरा था।
देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि एकनाथ शिंदे एक सफल मुख्यमंत्री बने।
उन्होंने कहा कि अमित शाह साथ थे इसलिए यह सब हो पाया। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जोर देकर कहा कि अगर मैं इससे बाहर रहा तो सरकार नहीं चलेगी, इसलिए मैंने उनके आदेश पर उप मुख्यमंत्री पद स्वीकार किया।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है। एकनाथ शिंदे को कुल 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान वोट किया। वहीं महाविकास अघाड़ी के लिए एक और झटके की खबर है। अघाड़ी गठबंधन के पांच विधायक बहुमत परीक्षण से गैरहाजिर हैं। इसमें से कांग्रेस के तीन विधायक हैं, जिनमें अशोक चव्हाण का नाम शामिल है। इसके अलावा अघाड़ी के दो अन्य विधायक भी वोटिंग में नदारद हैं। कुल मिलाकर अघाड़ी सरकार के 8 विधायकों के वोट नहीं पड़ सके और उन्हें महज 99 वोट मिले।
विधानसभा में विश्वास मत के दौरान शिवसेना के एक अन्य विधायक श्यामसुंदर शिंदे ने अचानक पलटी मार दी और वह एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हो गए।
पांच विधायकों को देर से पहुंचने की वजह से विधानसभा में एंट्री नहीं मिल सकी। वहीं समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी समेत दोनों विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। संतोष बांगर, अशोर चाव्हाण वोट डालने नहीं पहुंचे। विजय वडेट्टीवार का वोट भी नहीं पड़ा। वहीं जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख का वोट भी नहीं पड़ सका।







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