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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

नहीं रहे रघुवंश प्रसाद सिंह, गिर गया समाजवाद का आखिरी बरगद

नहीं रहे रघुवंश प्रसाद सिंह, गिर गया समाजवाद का आखिरी बरगद

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का दिल्ली एम्स में आज निधन हो गया । उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से खराब थी । उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था और वे एम्स के आइसीयू वार्ड में भर्ती थे । दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी। बताया जा रहा है कि सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

उनके निधन पर सियासी गलियारे में शोक की लहर है । रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल ही में एम्स से ही राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्‍तीफा देने का अपना पत्र जारी किया था।

रघुवंश प्रसाद सिंह ने निधन पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गहर दुख जताया है. लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया, 'प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुःखी हूं. बहुत याद आएंगे ।

इससे पहले 10 सितंबर को उन्होंने अस्पताल के बेड से ही राजद प्रमुख लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, ‘‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 साल तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें।’’

रघुवंश प्रसाद सकंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पत्र लिखकर अपनी तीन इच्छाएं पूरी करने की अपील की थी । 

सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा देने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है और उनसेतीन मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है । इसमें पहला मनरेगा कानून में ''सरकारी और एससी, एसटी की जमीन में काम होगा''  खंड में आम किसानों की जमीन में भी जोड़ने, दूसरा 26 जनवरी को वैशली में राष्ट्रध्वज फहराने और तीसरा अफगानिस्तान से महात्मा बुद्ध का भीक्षापात्र वापस लाने का कार्य शामिल है। 

रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने पत्र में कहा कि इन तीन कार्यों को वह पूरा नहीं कर पाये हैं, उन्हें पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह कर रहे हैं । 

रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली में हुआ था । वे जयप्रकाश आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा लिया और जनता दल में शामिल रहे । सिंह दिग्गज समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया के अनन्य प्रशंसक थे ।

जब लालू प्रसाद जनता दल से अलग हुए तब सिंह उनके साथ मजबूती से खड़े रहे । रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू के साथ मिलकर राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना की । 15वीं लोकसभा में उन्होंने वैशाली का प्रतिनिधित्व किया और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग-1 सरकार में वे ग्रामीण विकास मंत्री थे जब नरेगा योजना लागू की गई थी जिसमें अब महत्मा गांधी नरेगा के नाम से जाना जाता है।







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