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Sunday May 12, 2024
Aryavart Times

मानसून सत्र में विपक्ष कोरोना, लद्दाख झड़प, अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठायेगी, सरकार का मुद्दा बिल

मानसून सत्र में विपक्ष कोरोना, लद्दाख झड़प, अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठायेगी, सरकार का मुद्दा बिल

कोविड-19 महामारी के बीच 14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र हंगमेदार रहेगा जहां विपक्ष  कोरोना महामारी, लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प तथा आर्थिक वृद्वि दर में गिरावट जैसे मसलों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा । वहीं सरकार की प्राथमिकता करीब एक दर्जन विधेयक व लगभग इतने ही अध्यादेश को मंजूरी दिलाने की होगी।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘आर्यावर्त टाइम्स’ से कहा कि ‘‘इस बार संसद का मानसून सत्र कोविड-19 महामारी की स्थिति के बीच नये रूप में आयोजित हो रहा है । इसमें कई महत्वपूर्ण अध्यादेश विधेयक के रूप में पारित किए जाने हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ 11 अध्यादेश हैं जिन्हें विचार के लिये लाया जाना है। ’’ 

किसी भी अध्यादेश को छ महीने के भीतर विधेयक के रूप में पास कराना जरूरी होता है। 

इससे पहले, रविवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुईं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई ।

इसमें मानसून सत्र के एजेंडे पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की है । सदन के नेताओं की बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच गतिरोध, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। द्रमुक के एक नेता ने कहा कि उन्होंने ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर संशोधित करने, जीएसटी के तहत संग्रहित राजस्व का हिस्सा राज्यों को नहीं देने के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की मांग की ।

कांग्रेस सत्र के दौरान चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों का निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं।

पार्टी नेता जयराम रमेश का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी । वे अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे ।

 बैठक के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बयान में कहा कि सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा हुई। सभी दलों के नेताओं ने अपने संवैधानिक दायित्व को निभाने का संकल्प लिया है। आम जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर सदन को चलाएंगे. सभी दलों के नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया है।

बहरहाल, कोरोना वायरस महामारी की छाया के बीच संसद सोमवार से 18 दिन के मॉनसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है।

इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं। संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 के लिए जांच कराई गयी है। इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया जाएगा।

इस बार सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के तहत सांसदों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था की गयी है।

सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी, वहीं लोकसभा अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी। दोनों सदनों के चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल दोनों पाली में सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा।

 







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