34.5c India
Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

उत्तर प्रदेश चुनाव : गोरखपुर, काशी, अयोध्या सहित पूर्वांचल के साथ बुंदेलखंड भाजपा की रणनीति के केंद्र में

उत्तर प्रदेश चुनाव : गोरखपुर, काशी, अयोध्या सहित पूर्वांचल के साथ बुंदेलखंड भाजपा की रणनीति के केंद्र में

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा इस बार गोरखपुर, अयोध्या, काशी सहित पूर्वांचल क्षेत्र के साथ बुंदेलखंड पर खास ध्यान दे रही है। भाजपा की चुनावी रणनीति इस बात से स्पष्ट होती है कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी आने का कार्यक्रम हैं।
सूत्रों के अनुसार, वे किले के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं ।
ऐसा खाका तैयार किया जा रहा है कि आयोजन स्थल पर तो कम लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। लेकिन, पूरे कार्यक्रम से लोगों को रूबरू कराने के लिए 75 एलईडी स्क्रीन लगाये जायेंगे जिससे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जा सके। इस आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 
झांसी में स्थित किले में रानी लक्ष्मीबाई की गौरवगाथा पर आधारित लाइट एंड साउंड शो कार्यक्रम रखा जा रहा है। इस दिन उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल की ओर से क्षेत्र के विकास की कई योजनाओं को लोकार्पण - शिलान्यास का कार्यक्रम भी रखा जायेगा। इस मौके पर प्रदेश के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे । 
समझा जाता है कि भाजपा की चुनावी रणनीति के केंद्र में 1857 की क्रांति से जुड़े स्थल भी होंगे जिसमें झांसी के अलावा गोरखपुर, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, फैजाबाद, फतेहपुर, अलीगढ़, कालपी जैसे स्थल भी हो सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल जनवरी फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा इस साल दिसंबर में हो सकती है। ऐसे में चुनावी आचार संहित लागू होने से पहले भाजपा सरकार अपने विकास कार्यक्रमों एवं उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगी । ऐसे में 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित झांसी यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 
माना जा रहा है कि भाजपा भी 19 नवंबर से ही उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का शंखनाद करेगी । साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने काशी से चुनावी शंखनाद किया था । वहीं, 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान भाजपा ने काशी से ही शुरू किया था ।
पिछले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरणों की बदौलत बुंदेलखंड के मतदाताओं ने भाजपा को भरपूर समर्थन दिया था । पार्टी इस चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या अवैध खनन की है । यहां के लोगों को लगता है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिये उतना काम नहीं किया, जितना काम किया जाना चाहिए था । 
उत्तर प्रदेश को भूगोल को देखे तब काशी से चलने वाली लकीर झांसी को जोड़ती है । इसके दायरे में प्रयागराज, महोबा, ललीतपुर, हमीरपुर, बांदा जैसे इलाके आते हैं । इसके साथ ही रामायण काल की धार्मिक नगरी चित्रकूट भी इसी क्षेत्र में है। ऐसे में भाजपा बुंदेलखंड को चुनावी अभियान के केंद्र में रखकर अपनी नैय्या को मजबूती से पार लगाना चाहती है। 
समझा जाता है कि भाजपा की चुनावी रणनीति के केंद्र में 1857 की क्रांति से जुड़े स्थल भी होंगे जिसमें झांसी के अलावा गोरखपुर, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, फैजाबाद, फतेहपुर, अलीगढ़, कालपी जैसे स्थल भी हो सकते हैं । इनमें गोरखपुर का चौरीचौरा, मेरठ में सिपाही विद्रोह का स्थल, कानपुर में नाना साहेब एवं तांत्या तोपे, लखनऊ बेगम हजरत महल का काफी महत्व है। 
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद यह चुनावी दृष्टि से भाजपा के लिये काफी अहम है। पार्टी राम मंदिर को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये लोगों तक पहुंचेगी ।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़