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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

गणतंत्र दिवस परेड में दिखा देश की आन बान शान का नजारा

गणतंत्र दिवस परेड में दिखा देश की आन बान शान का नजारा

गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्यपथ पर भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधता, नारी शक्ति एवं देश की उपलब्धियां, भविष्य का खाका और देश की रक्षा करने की सेना की क्षमता का शानदार प्रदर्शन हुआ।
देश के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में देश दुनिया को भारत की ‘नारी शक्ति' के विभिन्न रूपों के दर्शन हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अनेक केंद्रीय मंत्री, सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुख गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने के लिए देशवासियों के साथ शामिल हुए। मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति अल फतह सीसी की मौजूदगी में उनके देश के 144 सदस्यीय सैन्य दस्ते ने भी मार्च पास्ट में हिस्सा लिया और परेड के दौरान जब उसकी बारी आई तो दर्शकों ने भी मेहमान सैनिकों को पूरा सम्मान दिया।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र के सशस्त्र बलों के एक दस्ते एवं संगीत बैंड ने भी हिस्सा लिया। इसका नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्दुलफतेह एलखारासावी ने किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10.30 बजे तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई। इस बार 21 तोपों की सलामी पुरानी 25 लोढ़ा तोप के स्थान पर 105 एमएम की भारतीय तोप से दी गई। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को प्रदर्शित करता है।
सलामी मंच पर द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में कर्तव्य पथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया । अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया ।
बादलों और कोहरे के कारण घटी दृश्यता ने वायुसेना के लड़ाकू विमानों के फ्लाई पास्ट के रोमांच को भले ही कुछ कम कर दिया हो, लेकिन 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर भारत ने अपनी सैन्य और सांस्कृतिक शक्ति का जैसा विराट रूप प्रदर्शित किया, उसे समेटने के लिए आसमान भी कम पड़ गया।
ब्रिटिश कालीन 25 पाउंडर तोपों की जगह इस बार 105 एमएम इंडियन फील्ड गन ने राष्ट्रगान के दौरान ठीक उसी अवधि में 21 बार फायर किए। यह इस साल गणतंत्र दिवस समारोह का एक प्रमुख बदलाव है।
राजपथ नाम को त्यागकर कर्तव्य पथ अपनाए जाने के बाद पहली बार आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में स्वदेशी सैन्य उपकरणों ने दर्शकों को आत्मविश्वास के साथ गर्व करने का अवसर दिया । इन हथियारों एवं उपकरणों में हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर प्रचंड, के. 9 वज्र हावित्जर, मुख्य युद्ध टैंक अर्जुन, नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, आकाश मिसाइन वायु प्रतिरक्षा प्रणाली  और क्विक रिएक्शन फाइटिंग वेहिकल शामिल हैं।
परेड में पंजाब रेजिमेंट, मराठा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, असम राइफल्स, गोरखा रेजिमेंट सहित सशस्त्र बलों की टुकड़ियों ने सधे कदमों से सैन्य ताकत एवं अनुशासन का अहसास करा दिया। सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
75 आर्मर्ड रेजिमेंट का अर्जुन टैंक डीआरडीओ द्वारा विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसमें 120 एमएम की मुख्य राइफल गन, 7.62 एमएम मशीन गन और 12.7 एमएम की एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी है।
वायुसेना के लड़ाकू विमानों के करतब, खासकर अलग-अलग संयोजनों में उनकी उड़ान दर्शकों के लिए हमेशा सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र रहती है। इस बार सभी ने अपने मोबाइल कैमरे इनकी एक झलक कैद करने के लिए आन कर रखे थे, लेकिन कोहरे की चादर के कारण वे इन करतबों को सही तरह नहीं देख सके। हालांकि राफेल और सुखोई की गड़गड़ाहट ने उन्हें इसकी ताकत का अहसास करा दिया ।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 17 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 23 झांकियां प्रदर्शित की गई। इसमें परेड में केन्‍द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की छह झांकियां भी शामिल रही। 
गणतंत्र दिवसं पर प्रदर्शित की गई इन झांकियों में देश की समृद्ध सांस्‍कृतिक धरोहर,आर्थिक और सामाजिक प्रगति तथा आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को दर्शाया गया।
 रक्षा मंत्रालय के अनुसार,इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए को विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया गया।
17 झांकियां असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली तथा दमन व दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड आदि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से थी।







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