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Saturday May 18, 2024
Aryavart Times

किसान क्रेडिट कार्ड पर रिण का भुगतान करें अन्यथा देना पड़ेगा अधिक ब्याज

किसान क्रेडिट कार्ड पर रिण का भुगतान करें अन्यथा देना पड़ेगा अधिक ब्याज

देश के किसानों के लिये एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है । कोरोना के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड के तहत रिण चुकाने के लिए आपको छूट मिली थी उसकी समय सीमा अगस्त में खत्म हो रही है। किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने वाले किसानों पर 31 अगस्त तक भुगतान न करने पर 4 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा। 

गौरतलब है कि किसान क्रेडिट कार्ड यानि फसल के लिए लिए जाने वाले लोन पर 7 फीसदी की ब्याज दर है लेकिन केंद्र सरकार समय से भुगतान करने वाले किसानों को 3 फीसदी की सब्सिडी देती है। किसानों को ये पैसा एक साल में चुकाना होता है, जिसके बाद उन्हें नया लोन मिल जाता है।

कोविड-19 के चलते केंद्र सरकार के आदेश पर भारतीय रिजर्व बैंक ने केसीसी का पैसा जमा करने में छूट देते हुए 31 मार्च की जगह 31 अगस्त किया था। ऐसे में किसान समय पर बकाये का भुगतान करके नुकसान से बच सकते हैं। अब जबकि लॉकडाउन लगभग खत्म हो गया है कृषि कार्य दोबारा से शुरू हो गये हैं, तो ऐसे में अब ऐसी और मोहलत मिलने की उम्मीद न के बराबर है।खबरों के अनुसार किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने लान वापस करने की तारिश को पहले 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई तक किया था। फिर इसे बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 तक कर दिया गया। अब समय बहुत कम है। जो किसान तय समय पर लोन की राशि चुका देंगे उन्हें 4 फीसदी ब्याज ही देना होगा। समय पर भुगतान नहीं किया तो किसानों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त यानी कि 7 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा। 

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये सरकार लघु और सीमांत किसानों को खेती और फसल के अनुरूप लोन (केसीसी की लिमिट तय करती है)। किसान तीन साल में इसके जरिये 5 लाख रुपए तक लोन ले सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड की वैलिडिटी 5 साल की होती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब सात करोड़ लोग किसान क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं।

किसान फसल बीमा योजना की मुख्य विशेषता :

भारत किसानों का देश है जहां ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का अनावरण किया।

यह योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करने के लिये है जो अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करती है।

बीमा दावे के निपटान की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसान फसल बीमा योजना के संबंध में किसी परेशानी का सामना न करें। यह योजना भारत के हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की जायेगी। एसोसिएशन में के निपटान की प्रक्रिया बनाने का फैसला किया गया है। इस योजना का प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा।

किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।

सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था। अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा।

काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।







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