नागर विमानन मंत्रालय तथा नागर विमानन महानिदेशालय ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को सुदूर से संचालित विमान प्रणाली (आरपीएएस) के उपयोग की सशर्त छूट दी है। इस अनुमति के तहत कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ड्रोन का उपयोग देश के 100 जिलों के कृषि क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग डाटा एकत्रित करने के लिए करेगा। यह डाटा ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत उपज अनुमान के लिए एकत्रित किया जाएगा।
यह सशर्त छूट पत्र जारी होने की तिथि से या डिजिटल स्काइप प्लेटफॉर्म के पूर्ण संचालन तक, जो भी पहले हो वैध है, लेकिन यह छूट सभी शर्तों और सीमाओं की कठोरता से पालन करने पर ही वैध होगी। किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में छूट अवैध हो जाएगी और उपरोक्त सीएआर के पैरा 18 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए दूर से संचालित विमान प्रणालियों (आरपीएएस) के उपयोग की शर्ते और सीमाएं हैं ।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय आरपीएएस को कामकाजी स्थिति में सुनिश्चित करेगा और स्वीकृत एसओपी के अनुसार देखभाल करेगा और किसी आकस्मिक गड़बड़ी तथा उपकरणों में खराबी से उत्पन्न समस्या के लिए जिम्मेदार होगा।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय प्रत्येक आरपीए उड़ान का रिकॉर्ड रखेगा और मांगने पर ऐसे रिकॉर्ड डीजीसीए को उपलब्ध कराएगा।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय विमान से फोटोग्राफी के लिए नियमन और सूचना महानिदेशालय, डीजीसीए या रक्षा मंत्रालय (जो लागू हो) से आवश्यक अनुमति लेगी। आरपीएएस के माध्यम से लिए गए फोटो और वीडियो का उपयोग केवल कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ही किया जाएगा। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय आरपीएएस तथा आरपीएएस के माध्यम से एकत्रित डेटा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय डिजिटल स्काइ प्लेटफॉर्म चालू होते ही यह सुनिश्चित करेगा कि आरपीएएस एनपीएनटी अनुपालन (क्यूसीआई प्रमाणित) के अनुसार बने हैं कि नहीं।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक आरपीएएस में अग्निरोधी पहचान प्लेट पर ओएएन, डीएएन तथा आरपीएएस के मॉडल नम्बर अंकित होने चाहिएं।
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