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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

विपक्ष यह तो बताए कि इन कृषि कानूनों में काला क्या है ? : कृषि मंत्री

विपक्ष यह तो बताए कि इन कृषि कानूनों में काला क्या है ? : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधने वाले विपक्षी दलों से सवाल किया कि किसान संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा लगातार इन कानूनों को काले कानून की संज्ञा दी जा रही है, लेकिन अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में काला क्या है ?

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इन कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार होने का यह कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इन कानूनों में कोई खामी है।

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए तोमर ने यह भी कहा कि किसान संगठनों और विपक्षी दल लगातार इन्हें काला कानून कह रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में 'काला' क्या है। 

उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि किसान यूनियनों से भी दो महीने तक मैं यही पूछता रहा कि कानून में काला क्या है? एक (भी)मुझे बताओ तो? मैं उसको ठीक करने की कोशिश करूंगा, लेकिन मुझे वहां भी मालूम नहीं पड़ा।' तोमर ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी विपक्षी सदस्यों ने कानूनों को खराब बताया और इन्हें वापस लेने की मांग की लेकिन किसी ने यह बताने की कोशिश नहीं की कि इन कानूनों के कौन से प्रावधान किसानों के प्रतिकूल हैं?

तोमर ने कहा कि हमारी सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकारों ने पंचायतों का विकास करने उन्हें मजबूत किया है। किसान आंदोलन पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है। मगर इन कानूनों में 'काला' क्या है, कोई ये भी बताए। कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा। यदि एपीएमसी के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा।

तोमर ने कहा कि पंजाब में किसान दोहरा रवैया दिखा रही है. हरियाणा में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने किनों के साथ अत्याचार किया. तोमर की इस बात पर कांग्रेस में खूब हंगामा हुआ ।

उन्होंने कहा, ''मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जितना कोसना जरूरी था, उसमें भी कंजूसी नहीं की. मैं विपक्ष और कानून संगठनों से जानना चाहता हूं कि इस कानून में काला क्या है? पता तो चले, ताकि मैं उसे साफ कर सकूं उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने 11  बार किसानों को बैठक के लिए बुलाकर यही जानने की कोशिश की है.''

तोमर ने आगे कहा, ''संधोधन में बदलाव के प्रस्ताव का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इन कानूनों में कुछ गलत है।

नरेंद्र सिंह तोमर ने चर्चा के दौरान कृषि कानूनों के फायदे गिनाते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लगातार कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो और किसानी का योगदान देश की जीडीपी में तीव्र गति से बढ़े। कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने कृषि मंत्री के इस दावे का विरोध किया और इसे लेकर तोमर के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई । 

गौरतलब हो कि केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले दो महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक ग्यारह दौर की वार्ता हुई है, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की कृपा पर रहना पड़ेगा । 

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि कृषि मंत्री श्री@nstomar जी ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। मेरा विनम्र निवेदन है कि उनकी यह स्पीच जरूर सुनें।







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