कांग्रेस आलाकमान ने अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम दलों के साथ गठबंधन करने के प्रस्ताव को औपचारिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस आलाकमान ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में वाम दलों के साथ गठबंधन को आज औपचारिक रूप से स्वीकृति प्रदान की।’’
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में अब त्रिकोणीय मुकाबला होने के प्रबल संभावना बन गई है । इसमें ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिये एक ओर भाजपा और दूसरी ओर कांग्रेस-वामदलों का गठबंधन होगा ।
कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा, ‘‘इस चुनाव में कांग्रेस इस गठबंधन में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी। यह चुनाव पश्चिम बंगाल की अस्मिता, संस्कृति और संस्कार को बचाने का है जिन पर चोट करने की कोशिश की जा रही है।’’
प्रसाद ने हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा किया था और वहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय लेकर नेतृत्व को इससे अवगत कराया था। इसके बाद नेतृत्व ने गठबंधन करने को हरी झंडी दी है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी वाम दल और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े थे। हालांकि ये दोनों केरल में एक दूसरे मुख्य विरोधी हैं।
भाजपा भी पश्चिम बंगाल में आसन्न चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रही है । इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 19 दिसंबर को अपने पश्चिम बंगाल दौरे के पहले दिन तृणमूल कांग्रेस, वामदल और कांग्रेस के बागियों को भाजपा में शामिल कराया।
इसमें सबसे खास नाम रहा सुवेंदु अधिकारी का जो पश्चिम बंगाल की वर्तमान सरकार के मंत्री हुआ करते थे। वह पूर्व मिदनापुर जिले में राजनैतिक रूप से प्रभाव रखने वाले परिवार से आते हैं। सुवेंदु लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं और वर्तमान में नंदीग्राम से टीएमसी विधायक थे।
यह वही जगह है जहां भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन की नींव रखी गई थी और जिसने बंगाल से वाम दलों का 34 साल का राज खत्मकर ममता बनर्जी को सत्ता सौंपी थी।
देश के बड़े और आबादी वाले राज्य पश्चिम बंगाल का परिदृश्य काफी विविध है। राज्य को पांच भागों में बांटा जा सकता है। दार्जिलिंग, कूच बिहार और जलपाईगुड़ी जिलों का पहाड़ी और तलहटी क्षेत्र अलग से एक उपक्षेत्र बनाते हैं।
इसके बाद उत्तरी जिले मालदा और उत्तर-दक्षिण दिनाजपुर हैं। राज्य के सेंट्रल रीजन मुर्शिदाबाद और बीरभूम तीसरा हिस्सा हैं। पश्चिम मिदनापुर, पुरुलिया और बांकुरा छोटानागपुर पठार का विस्तार क्षेत्र हैं जिसे जंगलमहल कहा जाता है।
कांग्रेस और वामदल के बीच यह गठबंधन मुकाबले को दिलचरूप बनायेगा ।
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