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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

Third Front Possibility Sharad Pawar Meeting

Third Front Possibility Sharad Pawar Meeting

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल समेत अनेक विपक्षी दलों तथा वाम दलों के नेता मंगलवार को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर जमा हुए लेकिन इस बैठक में महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना का कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया।

पवार एवं अन्य दलों के नेताओं ने इस बैठक मेंअनेक विषयों पर बातचीत की। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच बैठक हो रही है।

बैठक में शामिल हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता नीलोत्पल बसु ने कहा कि यह राजनीतिक बैठक नहीं थी बल्कि समान विचारों वाले लोगों के बीच संवाद था। उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में कोविड प्रबंधन, संस्थानों पर आघात और बेरोजगारी जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

बैठक करीब दो घंटे तक चली जिसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, समाजवादी पार्टी (सपा) के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के बिनय विस्वाम शामिल हुए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता पवन वर्मा ने भी बैठक में भाग लिया। इनके अलावा पवार के आवास पर पहुंचने वाले लोगों में जावेद अख्तर तथा के सी सिंह आदि शामिल थे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, बैठक की मेजबानी पवार जरूर कर रहे हैं लेकिन इसे ‘राष्ट्र मंच’ के संयोजक सिन्हा ने आयोजित किया है।

बहरहाल, बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अगले लोकसभा चुनाव में किसी तीसरे या चौथे फ्रंट द्वारा बीजेपी को हराने की संभावना को खारिज कर दिया है। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि तीसरा या चौथा मोर्चा सफलतापूर्वी बीजेपी को चुनौती दे सकेगा। 

बता दें कि सोमवार को प्रशांत किशोर एनसीपी चीफ शरद पवार से मिले। यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि बीते 10 दिनों में दोनों की यह दूसरी मीटिंग थी।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि बैठक के माध्यम से 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक साझा मंच बनाने की कोशिश माना जा रहा है। हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसे किसी तीसरे मोर्चे की कवायद मानने से इनकार किया है.







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