सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साधा निशाना
पंजाब में ताजा सियासी घटनाक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया । इससे राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है।
सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।
राज्य में नयी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद सिद्धू ने पद छोड़ दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे।
सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था। अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया।
लेकिन पार्टी हलकों में इसकी वजह नये मुख्यमंत्री द्वारा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग आवंटित किए जाने, नए कार्यवाहक पुलिस प्रमुख और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति पर उनकी नाराजगी को लेकर अटकलें हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंगलवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि वह एक ‘अस्थिर व्यक्ति’ हैं तथा सीमावर्ती राज्य पंजाब के लायक नहीं हैं।
दिल्ली पहुंचे अमरिंदर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सिद्धू के संबंध में सोच-समझकर ट्वीट किया है।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने आपसे कहा था...वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए उपयुक्त नहीं हैं।"
अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि उनके दिल्ली दौरे का मकसद सिर्फ कपूरथला हाउस (आधिकारिक आवास) को खाली करना है और उनकी कोई राजनीतिक मुलाकात या गतिविधि नहीं होनी हैं।
हालांकि, ऐसी खबरें आई थीं कि वह भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
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