प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक वंशवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए इसे लोकतंत्र में ‘‘तानाशाही’’ का एक नया रूप करार दिया । उन्होंने कहा कि यह देश पर ‘‘अक्षमता का बोझ’’ भी बढ़ा देता है।
दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन सत्र को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वंशवाद की वजह से राजनीति में आगे बढ़े लोगों को लगता है कि उनके पहली की पीढ़ियों के भ्रष्टाचार का हिसाब नहीं हुआ तो उनका भी कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वे तो अपने घर में ही इस प्रकार के विकृत उदाहरण भी देखते हैं। इसलिए ऐसे लोगों का कानून के प्रति ना सम्मान होता है ना ही उन्हें कानून का डर होता है।’’
उन्होंने राजनीतिक वंशवाद को लोकतंत्र का ‘‘सबसे बड़ा दुश्मन’’बताया और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि अब केवल ‘सरनेम’ के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं।
उन्होंने राजनीति को ‘‘सार्थक बदलाव’’ का ‘‘सशक्त माध्यम’’ बताते हुए कहा कि जब तक देश का सामान्य युवा राजनीति में नहीं आएगा,‘‘वंशवाद का जहर’’ इसी तरह लोकतंत्र को कमजोर करता रहेगा।
पिछले छह वर्षों में देश की राजनीति में आए बदलावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और बिना किसी का नाम लिए कहा कि भ्रष्टाचार जिनकी विरासत थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के सामान्य नागरिक की जागरूकता की ताकत है कि वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उबर नहीं पा रहे हैं। देश ईमानदारों को प्यार दे रहा है।’’
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