राजस्थान में सचिव पायलट की बगावत के बाद उपजी स्थिति और सियासी संग्राम में हर पल घटनाक्रम बदल रहा है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार को बचाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो निगाहें राजभवन पर भी टिकी हैं ।
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस सोमवार को देशभर के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेगी, लेकिन राज्य में वो इससे दूर रहेगी ।
इससे पहले कांग्रेस ने विधानसभा सत्र बुलाने में देरी के चलते सोमवार को राजभवन का घेराव करने का ऐलान किया था और सुबह 11 बजे से यह प्रस्तावित था, जिसमें सीएम अशोक गहलोत, राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, सभी मंत्री विधायक, पूर्व पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के शामिल होने का ऐलान किया गया था. हालांकि समझा जाता है कि कांग्रेस ने अब अपनी रणनीति बदल दी है ।
राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय डिजिटल अभियान ‘लोकतंत्र के लिए आवाज उठाओ’ ('स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी') की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘मैं उम्मीद करता हूँ महामहिम राज्यपाल बहुत ही पुराने राजनीतिज्ञ भी हैं, मिलनसार हैं, व्यवहार कुशल हैं और उनके पद की बहुत बड़ी गरिमा है, संवैधानिक पद है... वो जल्द ही, शीघ्र ही हमें आदेश देंगे, हम Assembly बुलाएंगे।’’
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, ‘‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए सफलतापूर्वक कार्य कर रही है और अपने प्रबंधन से इस महामारी पर नियंत्रण का प्रयास कर रही है, जिसे वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया है। ऐसे समय में राज्य की चुनी हुई सरकार को भाजपा अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।’’
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार और उसके नेता लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी सरकारों को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं। कोरोना वायरस संकट में सराहनीय कार्य कर रही राजस्थान कांग्रेस सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचना बंद करें।’’
डोटासरा ने कहा कि हमने महामहिम को कैबिनेट का रिवाइज्ड नोट भेज दिया है और उम्मीद करते हैं कि वे जल्द सत्र आहूत करने की स्वीकृति देंगे ।
गौरतलब है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लेने संबंधी पार्टी व्हिप की अवहेलना की।
200 विधानसभा सदस्यों वाली विधानसभा में 19 असंतुष्ट विधायकों सहित कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 72 विधायक हैं।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि राज्य सरकार (काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स) की सहायता और सलाह से कोई भी फैसला करने को राज्यपाल बाध्य होते हैं, लेकिन राजस्थान के राज्यपाल केंद्र में बैठे अपने मास्टर्स की आवाज सुन रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल ने विश्वास दिलाया था हमें कि संविधान की मर्यादाओं का पालन करेंगे. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस पार्टी तो कई कारणों से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है. पुडुचेरी में सत्र हुआ, बिहार और महाराष्ट्र में हो रहा है, तो राजस्थान में क्या दिक्कत है ।
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने सोशल मीडिया के जरिए हमला करते हुए कहा है कि राजस्थान संकट को देखते हुए बीजेपी की मंशा साफ है, वह चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश कर रही है ।
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