पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद बढ़ गया है। 15-16 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने पर देश के लोगों में भारी गुस्सा है। तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय वर्चुअल बैठक बुलाई। इस बैठक में देश के करीब 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा की गई । बैठक में सभी रजनीतिक दलों ने चीन की इस हरकत की निंदा करते हुए सरकार के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया । बैठक में प्रधानमंत्री बोले की एक इंच जमीन पर कोई आंख उठाकर देख नहीं सकता है ।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी मौजूद थे ।
सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार का समर्थन किया हालांकि उन्होंने कुछ सवाल भी पूछे । समझा जाता है कि उन्होंने जानना चाहा कि चीन ने कब हमारी सीमा में घुसपैठ की? घुसपैठ के बारे में कब पता चला? 5 मई को जानकारी मिली या पहले? क्या सरकार को सीमाई इलाकों की सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिलती? क्या सरकार मानती हैकि खुफिया तंत्र की नाकामी रही?
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं। यह भावना है। हम आपके साथ हैं, प्रधानमंत्री जी हम अपने सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के साथ हैं। भारत शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात का है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार में इतनी क्षमता है कि आंखें निकालकर हाथ में दे दे।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि देश एक है। पाकिस्तान और चीन की 'नीयत' अच्छी नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं है इसलिए चीनी सामानों पर 300 फीसद शुल्क लगाया जाय।
जदयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चीन के खिलाफ देशव्यापी गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए
बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा कि सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए।
द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही कहा था कि शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा । भारत किसी को उकसाता नहीं है लेकिन अपनी एक एक इंच जमीन की रक्षा करने को पूरी ताकत से प्रतिबद्ध है ।
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