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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

यमुना साइक्लोथॉन 2023: यमुना को बचाने के मिशन की शुरुआत, अतुल्य गंगा दल की 750 किमी की यात्रा

यमुना साइक्लोथॉन 2023: यमुना को बचाने के मिशन की शुरुआत, अतुल्य गंगा दल की 750 किमी की यात्रा

 अतुल्य गंगा के तहत 750 किलोमीटर लम्बे यमुना साइक्लोथॉन में सेना के 200 पूर्व सैनिकों ने वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए यमुना नदी को फिर से जीवंत करने का संकल्प लिया। अपने जीवन की 
दूसरी पारी में,इन दिग्गज सैनिकों ने यमुनोत्री नदी के उद्गम स्थल से अपनी यात्रा शुरू की और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से सुंदर नर्सरी तक दिल्ली में अपना मार्ग प्रशस्त किया। 
यमुना को बचाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में जीवन के सभी क्षेत्रों के प्रतिभागी, विशेष रूप से युवा इस साइक्लोथॉन में शामिल हुए। उन्होंने पहले गंगा नदी के लिए 5530 किमी पैदल चलकर अपनी यात्रा तय की और अब यमुना की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं। यमुना साइक्लोथॉन, 750 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर उत्तराखंड में यमुनोत्री को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ने की एक पहल है, जिसमें यमुना नदी के इलाकों में पेड़ों और पौधों की सुरक्षा और अस्तित्व पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अतुल्य गंगा का प्रयास है कि युवाओं से जुड़ें, जागरूकता बढ़ाएं और उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर देश के सबसे बड़े दुश्मन 'प्लास्टिक और प्रदूषण' से लड़ें, और विलुप्त होती नदियों की रक्षा करें। 
अतुल्य गंगा ट्रस्ट के संस्थापक गोपाल शर्मा नदियों के शुद्धीकरण करने के इस मिशन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, "हमने अपनी नदियों के साथ न्याय नहीं किया है, नदियों को प्रदूषित करना एक पाप है जो आने
वाली पीढ़ियों के लिए हानिकारक है। यमुना को हमारी जरूरत है! हम सभी को एक साथ आना चाहिए और यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।’’
कर्नल मनोज केश्वर (सेवानिवृत), सह-संस्थापक अतुल्य गंगा ट्रस्ट ने इस यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा, "हमने यमुना को दिल्ली में लुप्त होते देखा है, और यह समय है कि हम इसका ज्ञापन लें और अपनी पवित्र नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सख़्त से सख़्त कदम उठाएं।
लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह क्लेर ने नदियों को बचाने के लिए अपने ह्रदय से दृढ़ संकल्प के साथ कहा, "यमुना में सबसे अधिक प्रदूषण दिल्ली में होता है, और यह वक्त है कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए दृढ़ कार्रवाई करने की आवश्यकता का आभास हो।"
लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहुमी, एसएम (सेवानिवृत), सह संस्थापक अतुल्य गंगा ट्रस्ट ने प्रज्वलित विचारों के साथ कहा कि, "यमुना, भारत की पवित्र नदियों में से एक, जो देश की राजधानी से बहती है, आज लगभग एक मृत नदी के समान है। जो कि अब पानी नहीं बल्कि मानव सीवेज बन चुकी है। हम इसे अपनी आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए संवारना है क्योंकि स्वच्छ जल के बिना कोई भी सभ्यता जीवित नहीं रह सकती है। हमारी नदियों और सभ्यता को बचाने की प्रतिबद्धता के बाद, अतुल्य गंगा टीम यमुना की दुर्दशा का ख़ुद जायज़ा लेने के लिए फिलहाल साइकिल चलाकर यमुनोत्री से आगरा जा रही है।" 
अतुल्य गंगा सुशोभित अधिकारियों का एक दल है, जिन्होंने घुसपैठियों और घुसपैठियों से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना खून पसीना दिया है। और अब इन अधिकारियों ने अपनी कमर इस नेक काम के लिये कस ली है, वो भी 'ग्रीन मैनर' को ध्यान में रखते हुए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत का हरा और नीला कवर आने वाली पीढ़ियों के लिए सिर्फ़ एक स्वप्न बनकर ना रह जाये।
गणतंत्र दिवस परेड 2023 के दौरान अतुल्य गंगा की झांकी, कर्तव्य पथ पर भारत के अमृत काल की दृष्टि का प्रतिनिधित्व करती है। सद्भाव और हरित विकास सुनिश्चित करने के लिए इन जवानों की प्रतिबद्धता को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी सराहना मिली है, जिन्होंने नागरिकों से आगे आने और अमृत काल का एक नया और स्वच्छ भारत बनाने का आग्रह किया है।







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