34.5c India
Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

विश्वविद्यालयों को वैचारिक लड़ाई का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए : अमित शाह

विश्वविद्यालयों को वैचारिक लड़ाई का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए  : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विश्वविद्यालयों को वैचारिक लड़ाई का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए तथा युवाओं को देश के प्रति, समाज के प्रति, गरीबों के प्रति अपने दायित्व का भी विचार करना चाहिए।
शाह ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘स्वराज से नव-भारत तक भारत के विचारों का पुनरावलोकन’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए यह बात कही । 
शाह ने कहा कि हिंसा और वैचारिक लड़ाई का रणक्षेत्र यूनिवर्सिटी को नहीं बनना चाहिए। आईडियोलॉजी यूनिवर्सिटी से ही उत्पन्न होती है। युवा आईडियोलॉजी में संघर्ष की जगह विमर्श को स्थान दें, जो श्रेष्ठ है वह अपने आप बाहर आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईडियोलॉजी के लिए लड़ने की जरूरत नहीं है क्योंकि लड़ने से कभी आईडियोलॉजी प्रस्थापित नहीं होगी और ना ही हम इसका प्रचार और प्रसार कर सकते हैं, न ही इसकी स्वीकृति ला सकते हैं। अमित शाह ने कहा, ‘‘ विचार और विमर्श से ही स्वीकृति आती है, आईडियोलॉजी आगे बढ़ती है और आईडियोलॉजी युगो युगो तक चलती है। अगर आईडियोलॉजी संघर्ष का रास्ता बनती है तो वह आईडियोलॉजी ही नहीं है, कम से कम इस देश की तो है ही नहीं।’’
शाह ने कहा कि आज देश में एक नए प्रकार का विचार चल पड़ा है, अधिकारों की लड़ाई का। उन्होंने कहा कि संविधान ने हम सबको अधिकार दिए हैं परंतु अधिकार के साथ-साथ दायित्व का भी संविधान ने उल्लेख किया है और कोई ऐसा अधिकार नहीं होता जो दायित्व निभाए बगैर हमें मांगना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ युवाओं को देश के प्रति, समाज के प्रति, गरीबों के प्रति अपने दायित्व का भी विचार करना चाहिए।’’
गृह मंत्री ने कहा कि एक नया विचार इस देश में कुछ सालों से चल रहा है अधिकारों की मांग को सबसे ज्यादा ताकतवर करना, इसके आधार पर असंतोष खड़ा करना, असंतोष को संगठित करके एक प्रकार की नई अव्यवस्था खड़ी करना।
उन्होंने छात्रों से कहा कि कहा कि अगर थोड़ा कम अधिकार मिलेगा तो कुछ नहीं जाएगा, लेकिन अगर ज्यादा दायित्व की चिंता करेंगे तो किसी के अधिकार की अपने आप हम चिंता कर लेंगे।
शाह ने कहा कि हम जब अपने दायित्व की चिंता करते हैं तब इसके साथ ही किसी के अधिकार की रक्षा भी करते हैं और यह अधिकारों की मांग के आधार पर हिंसा फैलाना हमारी विचारधारा नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह देश हमेशा से अपने दायित्व के लिए भी हमेशा से जागृत रहा है। जोश और जुनून होना चाहिए मगर उसका रास्ता भी सही होना चाहिए। अगर सही रास्ते पर हम नहीं जाएंगे तो हम देश का भला नहीं कर सकते।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़