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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने का अभियान आपरेशन गंगा

यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने का अभियान आपरेशन गंगा

(कुमार आनंद - वरिष्ठ स्तम्भकार, लेखक एवं पत्रकार )

यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने का ‘आपरेशन गंगा’ अभियान सक्रिय रूप से जारी है । इसके पहले चरण में रोमानिया से 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान मुंबई पहुंच गई । दूसरी उड़ान भी बुखारेस्ट से दिल्ली के लिये रवाना हो चुकी है।  
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उत्पन्न गंभीर स्थिति को देखते हुए वहां अभी फंसे करीब 16 हजार भारतीयों को लाने के लिये भारत सरकार ने अभियान शुरू किया है। हवाई हमले और लगातार गोलाबारी के बीच यह अभियान बेहद कठिन है। ऐसा इसलिये भी है क्योंकि यूक्रेन ने नागरिक विमानों की आवाजाही के लिये अपना हवाई मार्ग बंद कर दिया है। 
ऐसे में छात्रों सहित भारतीयों को यूक्रेन की सीमा पार कराने के बाद रोमानिया, हंगारी जैसे यूक्रेन के पड़ोसी देशों के जरिये भारत लाने की व्यवस्था की जा रही है। इन देशों में कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र संबंधी जरूरतों को लेकर भी कुछ समस्या पैदा हो रही है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय की टीम, यूक्रेन, रोमानिया, हंगरी में भारतीय दूतावास के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही है। भारत सरकार ने भी संबंधित देशों की सरकारों के साथ उच्च स्तर पर संवाद किया है ।
यूक्रेन में रूसी गोलाबारी के बीच भारतीय छात्र बंकरों और हॉस्टलों में पनाह लिए हुए हैं। जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरीकों और छात्रों को बचाने के लिए भारत सरकार ने अहम फैसला किया है। सरकार ने तय किया है कि वह अपने खर्च पर यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को बचाकर लाएगी। 

रोमानिया के बुखारेस्ट से पहली उड़ान मुम्बई पहुंचने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘ वापसी पर स्वागत है । अपरेशन गंगा का पहला चरण । ’’

जयशंकर ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का ट्वीट साझा किया जिसके साथ गोयल को विमान में छात्रों के साथ दिखाया गया है। 

गोयल ने ट्वीट में कहा, ‘‘ मातृभूमि वापस आने पर स्वागत है। यूक्रेन से सुरक्षित निकाल कर लाये गए  भारतीयों के मुस्कराते चेहरों को मुम्बई हवाई अड्डे पर देखकर प्रसन्न हूं । ’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अथक कार्य कर रही है। ’’

इससे पहले सुबह, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय को लाने का कार्य प्रगति पर है और वे स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं।   

जयशंकर ने ट्वीट किया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य प्रगति पर है तथा हमारी टीम 24 घंटे जमीन पर काम कर रही है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं ।’’  जयशंकर ने ट्वीट कर सहयोग देने के लिये रोमानिया के विदेश मंत्री का आभार व्यक्त किया ।

इस पर रोमानिया के विदेश मंत्री बोगदान एउरेस्कू ने अपनी ओर से ट्वीट कर कहा कि ‘‘सहयोगी और मित्र इसलिये होते हैं..रोमानिया ।’’

केंद्रीय मंत्रिमंडल की शनिवार को बैठक में भी समझा जाता है कि मंत्रिमंडल सदस्यों को यूक्रेन की स्थिति तथा युद्धग्रस्त देश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों की जानकारी दी गई । 

रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की। इस दौरान मोदी ने शांति बहाली के प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता जताई। 

इस बीच, रूसी सेना के यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य अहम शहरों की ओर बढ़ रही है ।

ऐसी स्थिति में यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को वहां फंसे अपने नागरिकों से हर वक्त अत्यधिक सावधानी बरतने और देश से बाहर निकलने के लिए उसके अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ने को कहा है। 

दूतावास ने अपने परामर्श में खास तौर से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रह रहे नागरिकों को अपने मौजूदा निवास स्थान पर रहने और जितना संभव हो घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने की सलाह दी है।

यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र खासकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं और काफी संख्या में छात्र अभी वहां फंसे हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक यूक्रेन में करीब 18 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, इनमें से अनेक छात्र कुछ दिन पहले भारत लौट आए थे । 
मेडिकल की पढ़ाई का सपना पूरा करने वाले छात्र यूक्रेन, रूस, फिलीपींस और यहां तक कि बांग्लादेश जैसे देशों का रुख कर रहे हैं। समझा जाता है कि भारत की तुलना में इन देशों में डॉक्टरी की पढ़ाई का खर्च और आसानी से दाखिला होना कुछ प्रमुख कारण बताये जाते है। यूक्रेन, रूस, किर्गीजस्तान और कजाकस्तान इन छात्रों का पसंदीदा ठिकाना है। अब बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फिलीपींस और बांग्लादेश का भी रुख कर रहे हैं।

 







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