चुनाव आयोग ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है जिसके अनुसार 18 जुलाई को वोटिंग और 21 जुलाई को परिणाम सामने आयेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग राष्ट्रपति पद के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।
राजीव कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को नतीजे आएंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के नॉमिनेशन के लिए 50 प्रस्तावक जरूरी होंगे। वोटिंग के लिए 1,2, 3 लिखकर बतानी पसंद होगी।
उन्होंने कहा कि 25 जुलाई तक नए राष्ट्रपति को शपथ लेनी होगी। वोट देने के लिए सिर्फ आयोग द्वारा दिए गये पेन का ही इस्तेमाल करना होगा।
मतदाताओं की कुल संख्या 4,809 होगी, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक शामिल हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल को व्हिप जारी करने की अनुमति नहीं होगी।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग सांसद संसद भवन नई दिल्ली में वोट करेंगे। वहीं, विधानसभा के सदस्य अपनी विधानसभा में वोट कर सकेंगे।
किसी आपात स्थिति में सांसद और विधायक कहीं भी वोट डाल सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें 10 दिन पहले चुनाव आयोग को बताना होगा।
देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है। वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है।
चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के कुल वोटरों की संख्या 4,809 है। इसमें लोकसभा के सांसद और सभी राज्यों के विधानसभा के विधायक शामिल हैं।
वोट डालने के लिए चुनाव आयोग सभी वोटरों को पेन देगा।
राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की
विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों के मतों के जरिए किया जाता है।
राष्ट्रपति चुनाव 2022 में प्रत्येक सांसद के मत का मूल्य (वैल्यू) 708 से घटकर 700 रह गया है, जिसका कारण जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का नहीं होना है।
राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है।
Start the Discussion Now...