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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

प्रधानमंत्री मोदी के देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन की मुख्य बातें

प्रधानमंत्री मोदी के देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन की मुख्य बातें

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब बहुत लोगों का अभिप्राय है ये जनसंख्या की दृष्टि से भी हम विश्व में नंबर एक पर हैं। मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले, भारत का गौरव करने वाले कोटि-कोटि जनों को आजादी के इस महान पवित्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

आज 15 अगस्त महान क्रांतिकारी और अध्यात्म जीवन के रूचि तुल्य प्रणेता श्री अरविंदों की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। ये वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती का वर्ष है। ये वर्ष रानी दुर्गावती के 500वीं जन्मशती का बहुत ही पवित्र अवसर है जो पूरा देश बड़े धूमधाम से मनाने वाला है। ये वर्ष मीराबाई भक्ति योग की सिरमौर मीराबाई के 525 वर्ष का भी ये पावन पर्व है। इस बार जो 26 जनवरी हम मनाएंगे वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी।

पिछले कुछ सप्ताह नार्थ-ईस्ट में विशेषकर मणिपुर में और हिन्दुस्तान के अन्य कुछ भागो में, लेकिन विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं, देश मणिपुर के लोगों के साथ है।

यह हमारा सौभाग्य है कि भारत के इस अमृतकाल में, जो हम करेंगे, जो कदम उठाऐंगे, जितना त्याग करेंगे, तपस्या करेंगे, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय, एक के बाद एक फैसले लेंगे, आने वाले एक हजार साल का देश का स्‍वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है।

भारत माँ 140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ से, उनकी चेतना से, उनकी ऊर्जा से फिर एक बार जागृत हो चुकी है। मैं साफ देख रहा हूँ दोस्‍तों, यही कालखंड है, पिछले 9-10 साल हमने अनुभव किया है। आज हमारे पास डेमोग्राफी है, आज हमारे पास डेमोक्रेसी है, आज हमारे पास डाइवर्सिटी है। डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्‍य रखती है।

मेरे युवाओं ने भारत को दुनिया पहले तीन स्टार्टअप इकोनॉमी सिस्‍टम में स्‍थान दिला दिया है। विश्‍व के युवाओं को अचम्‍भा हो रहा है। भारत के इस सामर्थ्‍य को लेकर के, भारत की इस ताकत को देखकर के। आज दुनिया टेक्‍नोलॉजी ड्रिवेन है और आने वाला युग टेक्‍नोलॉजी से प्रभावित रहने वाला है और तब टेक्‍नोलॉजी में भारत की जो टेलेंट है, उसकी एक नई भूमिका रहने वाली है।

भारत जो कमाल कर रहा है, मेरे टियर-2, टियर-3 सिटी के युवा भी आज मेरे देश का भाग्‍य गढ़ रहे हैं। हमारे छोटे-छोटे शहर, हमारे कस्‍बे आकार और आबादी में छोटे हो सकते हैं, लेकिन आशा और आकांक्षा, प्रयास और प्रभाव वो किसी से कम नहीं है, वो सामर्थ्‍य उनके अंदर है।

राष्‍ट्रीय चेतना वो एक ऐसा शब्‍द है जो हमें चिंताओं से मुक्‍त कर रहा है। राष्‍ट्रीय चेतना यह सिद्ध कर रही है कि भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्‍य बना है, जन-जन का सरकार पर विश्‍वास, जन-जन का देश के उज्‍जवल भविष्‍य पर विश्‍वास और विश्‍व का भी भारत के प्रति विश्‍वास।

आज देश में जी-20 समिट की मेहमान नवाजी का भारत को अवसर मिला है। और पिछले एक साल से हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में जिस प्रकार से जी-20 के अनेक ऐसे आयोजन हुए हैं, अनेक कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्‍य मानव के सामर्थ्‍य को विश्‍व को परिचित करा दिया है।

मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि कोरोना के बाद एक नया विश्‍व ऑर्डर, एक नया ग्‍लोबल ऑर्डर, एक नया जियो पॉलिटिकल इक्‍वेशन बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जियो पॉलिटिकल इक्‍वेशन की सारी व्‍याख्‍याएं बदल रही है, परिभाषाएं बदल रही है।

आज भारत ग्‍लोबल साउथ की आवाज बन रहा है। भारत की समृद्धि, विरासत आज दुनिया के लिए एक अवसर बन रही है।

देश के पास आज ऐसी सरकार है, वो सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय देश के संतुलित विकास के लिए समय का पल-पल और जनता की पाई-पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है और मेरी सरकार, मेरे देशवासियों का मान एक बात से जुड़ा हुआ है, हमारे हर निर्णय, हमारी हर दिशा, उसका एक ही मानदंड है Nation First राष्‍ट्र प्रथम और राष्‍ट्र प्रथम यही दूरगामी परिणाम, सकारात्‍मक परिणाम पैदा करने वाला है।

ब्‍यूरोक्रेसी ने transform करने के लिए perform की जिम्‍मेदारी बखूबी निभाई और जनता-जनार्दन उनसे जुड़ गई तो वो transform होता भी नजर आया। reform, perform, transform ये कालखंड अब भारत के भविष्‍य को गढ़ रहा है। और हमारी सोच देश की उन ताकतों को बढ़ावा देने पर है, जो आने वाले एक हजार साल की नींव को मजबूत करने वाले हैं।

हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया ये जल शक्ति मंत्रालय हमारा, हमारे देश के एक-एक देशवासियों को पीने का शुद्ध पानी पहुंचे।

हमारे देश में कोरोना के बाद दुनिया देख रही है holistic health care ये समय की मांग है। हमने अलग आयुष मंत्रालय बनाया और योग और आयुष आज दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं।

मत्स्य पालन हमारा इतना बड़ा समुद्री तट, हमारे कोटि-कोटि मछुआरे भाई-बहन उनका कल्याण भी हमारे दिलों में है और इसलिए हमने अलग से मत्स्य पालन को लेकर के, पशुपालन को लेकर के, डेरी को लेकर के अलग मंत्रालय की रचना की ताकि समाज के जिस वर्ग के लोग पीछे रह गए उनको हम साथ दे।

आज मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं कि जब देश आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है, देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है और तिजोरी का पाई-पाई अगर ईमानदारी से जनता-जनार्दन के लिए खर्च करने का संकल्प लेने वाली सरकार हो तो परिणाम कैसा आता है। मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे की साक्षी में लाल किले की प्राचीन से मेरे देशवासियों को दे रहा हूं।

10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रूपये भारत सरकार की तरफ से जाते थे। पिछले 9 साल में ये आंकड़ा 100 लाख करोड़ पर पहुंचा है। पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार के खजाने से 70 हजार करोड़ रूपया जाता था, आज वो 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा जा रहा है। पहले गरीबों के घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ रूपया खर्च होता था आज वो 4 गुना होकर के 4 लाख करोड़ से भी ज्यादा खर्च गरीबों के घर बनाने के लिए हो रहा है।

सरकार 10 लाख करोड़ रुपया किसानों को यूरिया में सब्‍सिडी दे रही है। मुद्रा योजना के  तहत 20 लाख करोड़ रुपए और उससे भी ज्‍यादा देश के नौजवानों को स्‍वरोजगार के लिए दिए हैं। 8 करोड़ लोगों ने नया कारोबार शुरू किया है।

इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि आज 5 साल के मेरे एक कार्यकाल में, 5 साल में साढ़े 13 करोड़ मेरे गरीब भाई-बहन गरीबी की जंजीरों को तोड़ करके न्‍यू मिडिल क्‍लास के रूप में बाहर आए हैं। जीवन में इससे बड़ा कोई संतोष नहीं हो सकता।

हमारे सुनार हों, हमारे राजमिस्‍त्री हों, हमारे कपड़े धोने का काम करने वाले लोग हों, हमारे बाल काटने वाले भाई-बहन परिवार हों, ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने के लिए हम आने वाले महीने में विश्‍वकर्मा जयन्‍ती पर विश्‍वकर्मा योजना लॉन्‍च करेंगे और करीब 13-15 हजार करोड़ रुपये से उसका प्रारंभ करेंगे।

हमने पीएम किसान सम्‍मान निधि में ढाई लाख करोड़ रुपया सीधा किसानों के खाते में जमा किया है। जल जीवन मिशन के तहत दो लाख करोड़ रुपया खर्च किया है। हमने आयुष्‍मान भारत योजना के तहत 70 हजार करोड़ रुपये लगाए हैं। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब–करीब 15 हजार करोड़ रुपया पशुधन के टीकाकरण के लिए लगाया है।

हमने जन-औषधि केंद्र से जो दवाई बाजार में सौ रुपये में मिलती है वो 10 रुपया, 15 रुपया, 20 में दी। अब देश में 10 हजार जन-औषधि केंद्र से हम 25 हजार जन-औषधि केंद्र का लक्ष्‍य लेकर के आने वाले दिनों में काम करने वाले हैं।

मध्‍यम वर्गीय परिवार जो अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं। हम उसके लिए भी आने वाले कुछ सालों के लिए एक योजना लेकर के आ रहे हैं। सरकार ने उन्‍हें बैंक से लोन पर ब्‍याज के अंदर राहत देकर लाखों रुपयों की मदद करने का निर्णय किया है।

भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है लेकिन इतने से संतोष नहीं मान सकते। दुनिया से हमारी चीजें अच्‍छी हैं, इतनी बात से हम सोच नहीं सकते, देशवासियों का महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं।

आज देश नवीकरणीय ऊर्जा में काम कर रहा है, आज देश हरित हाइड्रोजन पर काम हो रहा है, देश की अंतरिक्ष में क्षमता बढ़ रही है।

देश डीप सी मिशन में भी सफलता के साथ आगे चल रहा है। देश में रेल आधुनिक हो रही है, तो वंदे भारत, बुलेट ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है। गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही है तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रहे हैं।

इन दिनों जो मैं शिलान्‍यास कर रहा हूं न आप लिख करके रखिए उसके उद्घाटन भी आप सबने मेरे नसीब में ही छोड़े हुए हैं। हमारी कार्य संस्कृति, बड़ा सोचना, दूर का सोचना, सर्वजन हिताय: सर्वजन सुखाय: सोचना यह हमारी कार्यशैली रही है।

आज करीब-करीब 75 हजार अमृत सरोवर का काम निर्माण हो रहा है। यह अपने आप में बहुत बड़ा काम हो रहा है। जनशक्ति और जलशक्ति की यह ताकत भारत के पर्यावरण की रक्षा में भी काम आने वाली है। 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाना, जन तक बैंक खाते खोलना, बेटियों के लिए शौचालय बनाना सारे टारगेट समय के पहले पूरी शक्ति से पूरे करेगा।

दुनिया में सबसे तेज गति से 5-G रोल आउट करने वाला मेरा देश है। 700 से अधिक जिलों तक हम पहुंच चुके हैं। और अब 6-G की भी तैयारी कर रहे हैं। हमने टास्‍क फोर्स बना दिया है। renewable energy हम टारगेट से पहले चले हैं। हमने renewable energy 2030 का जो टारगेट तय किया था, 21-22 में उसका पूरा कर दिया।

हमने समय से पहले नई संसद बना दी। यह काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्‍यों को पार करने वाली सरकार है, यह नया भारत है, यह आत्‍मविश्‍वास से भरा हुआ भारत है, यह संकल्‍पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है।

आंतरिक सुरक्षा की स्थिति : आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बहुत बड़ा बदलाव आया है, बहुत बड़ा परिवर्तन का एक वातावरण बना है। देश की आंतरिक सुरक्षा संभालने वाले यूनिफॉर्म फोर्सेस, मैं आजादी के इस पावन पर्व पर उनको भी अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

दुनिया में जिन-जिन देशों ने प्रगति की है, दुनिया में जो-जो देश संकटों को पार करके निकले हैं, उनमें हर चीज के साथ-साथ एक महत्‍वपूर्ण कैटेलिक एजेंट रहा है, वो राष्‍ट्रीय चरित्र रहा है। और हमें राष्‍ट्रीय चरित्र के लिए और बल देते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।

महिला नीत विकास : देश में आगे बढ़ने के लिए एक अतिरिक्‍त शक्ति का सामर्थ्‍य भारत को आगे ले जाने वाला है और वो है महिला नीत विकास। आज भारत गर्व से कह सकता है कि दुनिया में नागरिक उड्डयन में अगर किसी एक देश में सबसे ज्‍यादा महिला पायलट हैं तो मेरे देश में हैं। आज चन्‍द्रयान की गति हो, चंद्र अभियान की बात हो, मेरी महिला वैज्ञानिक उसका नेतृत्‍व कर रही हैं।

आज 10 करोड़ महिलाएं महिला स्वयं सहायता समूह में जुड़ी हुई हैं और महिला स्वयं सहायता समूह के साथ आप गांव में जाएंगे तो आपको बैंक वाली दीदी मिलेगी, आपको आंगनबाड़ी वाली दीदी मिलेगी, आपको दवाई देने वाली दीदी मिलेगी और अब मेरा सपना है, गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का।  

भारत विविधताओं से भरा देश है। असंतुलित विकास के हम शिकार रहे हैं, मेरा-पराया के कारण हमारे देश के कुछ हिस्से उसके शिकार रहे हैं। अब हमें क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संतुलित विकास को बल देना है।

भारत  लोकतंत्र की जननी है, भारत विविधता का मॉडल भी है। भाषाएं अनेक हैं, बोलियां अनेक हैं, परिधान अनेक हैं, विविधताएं बहुत है। हमने उन सारो के आधार पर आगे बढ़ना है। आज जब अफगानिस्तान से गुरूग्रंथ साहब के स्वरूप को लाते है तो पूरा देश गौरव की अनुभूति करता है।

आज देश आधुनिकता की तरफ बढ़ रहा है। राजमार्ग हो, रेलवे हो, हवाई मार्ग हो, आई-वेज हो, सूचना मार्ग हो, कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिस क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में आज देश काम न करता हो। पिछले 9 वर्ष में तटीय क्षेत्रों में, हमने आदिवासी क्षेत्र में, पहाड़ी क्षेत्र में विकास को बहुत बल दिया है।

हमने मातृभाषा में पढ़ाने पर बदल दिया है और मातृभाषा की दिशा में, मैं भारत के सुप्रीम कोर्ट का भी धन्‍यवाद करता हूँ, जिसने कहा है कि वे अब जो फैसले देंगे, उसका जो मुख्य भाग अदालत में आया है, उसकी भाषा में उसको उपलब्‍ध होगा।

हमने वहां वाइव्रेंट बार्डर विलेज का एक कार्यक्रम शुरू किया है और वाइव्रेंट बार्डर विलेज अब तक इसके लिए कहा जाता था देश के आखिरी गांव, हमने उस पूरी सोच को बदला है। वो देश का आखिरी गांव नहीं है, सीमा पर जो नजर आ रहा है, वो मेरे देश का पहला गांव है।







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