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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा : विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच शब्दों के तीखे बाण चले

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा : विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच शब्दों के तीखे बाण चले

लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई जिसमें दोनों पक्षों के बीच आरोप प्रत्यारोप के तीखे बाण चले और दोनों पक्षों ने एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर हिंसा की पृष्ठभूमि में लाया गया था लेकिन इस बारे में चर्चा के दौरान विपक्ष ने महंगाई,बेरोजगारी, संघीय ढांचे, गर्वनर से जुड़े विषय, ईडी-सीबीआई, किसानों से जुड़े मुद्दे उठाये और सरकार के ज्वलंत मुद्दों पर विफल रहने का आरोप लगाया।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी और सरकार कहना था कि विपक्ष को जनता के सरोकारों से कोई मतलब नहीं है और यह सम्पूर्ण विषय अगले लोकसभा चुनाव के कारण खड़ा किया गया है और यह अविश्वास प्रस्ताव और कुछ नहीं बल्कि एक गरीब परिवार के बेटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ है क्योंकि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को यह बर्दाश्त ही नहीं है कि गरीब और पिछड़े परिवार में जन्मा एक व्यक्ति इस प्रकार से जनता और गरीबों की चिंता कर रहा है।

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार पर पूरी तरह विफल हो गई है और विपक्ष को यह अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाना पड़ा है ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके। 

गोगोई ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पद पर क्यों बनाए रखा? उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसे प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं जो गरीब परिवार से आते हैं और जिन्होंने गरीब जनता को मकान, शौचालय और पीने का पानी उपलब्ध कराया।

चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी मोर्चे पर जमकर प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस को आगे चलकर पछतावा होगा कि कितने गलत समय पर यह अविश्वास प्रस्ताव वे लेकर आए।

 भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, ‘‘आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है। यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की।’’ 

दुबे ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं।

वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उस समय हनुमान चालीसा के कुछ अंश पढ़े, जब एक विपक्षी सदस्य ने यह सवाल कर दिया कि क्या उन्हें हनुमान चालीसा याद है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए शिंदे ने कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रव़ादी कांग्रेस पार्टी के ‘महा विकास आघाड़ी’ और इस गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने पर भी रोक थी। इस दौरान किसी विपक्षी सदस्य ने श्रीकांत शिंदे से कहा, ‘‘क्या आपको हनुमान चालीसा याद है?’’ शिंदे ने तत्काल हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दिया। 

चर्चा में हिस्सा लेते हुए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजधर्म की बात की थी और आज द्रमुक उसके साथ खड़ी है जो राजधर्म निभाता दिख रहा है। द्रमुक के टीआर बालू ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर उनके कुछ मित्र हैं, वाजपेयी जी की पार्टी होने के नाते सत्तारूढ़ पार्टी से उनका जुड़ाव रहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मित्र ही हैं, लेकिन वर्तमान सरकार को बुराई ने घेर लिया है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

समाजवादी पार्टी (सपा) ने केंद्र सरकार पर मणिपुर के मुद्दे पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी ने कहा कि यह सरकार ‘अहंकार’ में डूबी है और उत्तर पूर्व राज्य में हिंसा की घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिम्मेदार है। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात होती है तो उत्तर प्रदेश की भी चर्चा होनी चाहिए। यादव ने दावा किया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर तीन घंटे में एक महिला का यौन उत्पीड़न होता है। 

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मणिपुर में इतनी हिंसा हुई, महिलाओं पर अत्याचार हुए लेकिन केंद्र सरकार 70 दिन चुप रही। भाजपा की सुनीता दुग्गल ने कहा कि कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है और अब लोग उस पर विश्वास करने वाले नहीं हैं। उन्होंने राम मंदिर का निर्माण होने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अब हमारा लक्ष्य समान नागरिक संहिता है। हमारी कोशिश होगी कि हम जल्द से जल्द इसे सदन में लेकर आएं।’’ 

बीजू जनता दल ने कहा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा में लाने के लिए लाया गया है, लेकिन यह प्रस्ताव ‘गिर जाएगा और कांग्रेस को इसका कोई फायदा नहीं होगा’। 

बीजद के नेता पिनाकी मिश्रा ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी की स्थापना कांग्रेस के विरोध की बुनियाद पर हुई थी और वह कभी कांग्रेस के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि बीजद को लगता है कि यह अविश्वास प्रस्ताव लाने का सही समय नहीं है।







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