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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को कहा अलविदा, पार्टी के पूरी तरह से बर्बाद होने का किया दावा

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को कहा अलविदा, पार्टी के पूरी तरह से बर्बाद होने का किया दावा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद #azad ने करीब पांच दशकों के संबंध का त्याग करते हुए शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने दावा किया कि देश का सबसे पुराना दल अब ‘समग्र रूप से नष्ट हो चुका है’ तथा नेतृत्व आतंरिक चुनाव के नाम पर ‘धोखा दे रहा है।’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पांच पन्नों के पत्र में आजाद ने राहुल गांधी #rahul पर निशाना साधा । उन्होंंने कहा कि राजनीति में राहुल गांधी का प्रवेश और खासतौर पर जनवरी 2013 में उन्हें उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद से उन्होंने पहले से चली आ रही सारी मजबूत व्यवस्थाएं ध्वस्त कर दीं। 
उन्होंने कहा कि इसके बाद सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को किनारे कर दिया गया और गैरअनुभवी चापलूसों का नया समूह बना, जो पार्टी चलाने लगे।
आजाद ने कहा कि इसका एक बड़ा उदाहरण वह है, जब राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के अध्यादेश को पूरे मीडिया के सामने फाड़ दिया था। वह अध्यादेश कांग्रेस #congress कोर ग्रुप ने ही तैयार किया था, जिसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट और बाद में राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल के इस बचकानी हरकत ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के महत्व को खत्म कर दिया। किसी भी मुद्दे से ज्यादा यह इकलौती हरकत 2014 में यूपीए सरकार की हार की बड़ी वजह थी।
उन्होंने कहा कि इसके कारण राइट विंग और कारोबारी फायदे हासिल करने वाली ताकतें एकसाथ आ गईं और उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार किया। 
आजाद ने आरोप लगाया कि दुर्भाग्य से पिछले नौ वर्षों से ये एआईसीसी के स्टोर रूम में पड़े हुए हैं। 2013 के बाद मैंने कई बार आपको और उस वक्त के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इन सुझावों पर अमल का आग्रह किया। लेकिन, इन सुझाव पर कुछ नहीं किया गया। यहां तक कि इन्हें गंभीरता से भी नहीं लिया गया। 
उन्होंने कहा कि 2014 में आपकी और उसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को दो लोकसभा चुनावों में  शर्मनाक तरीके से हार मिली।
उन्होंने कहा, ‘‘ 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से पार्टी 39 चुनाव हार चुकी है। पार्टी ने केवल चार राज्यों के चुनाव जीते और छह राज्यों की गठबंधन में शामिल होना पड़ा। अभी कांग्रेस केवल दो राज्यों में शासन कर रही है और दो राज्यों की सरकार में मामूली भागीदारी के साथ गठबंधन में है।’’
आजाद ने कहा कि 2019 के बाद से पार्टी में स्थिति केवल खराब हुई। चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने आवेग में आकर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उनके इस्तीफे से पहले हुई वर्किंग कमेटी की बैठक में उन्होंने पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं को खूब अपमानित किया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को दे दिया था।
गुलाम नबी आजाद ने अपने पत्र में कहा कि सबसे बुरी बात यह है कि जिस रिमोट कंट्रोल मॉडल ने यूपीए सरकार की सत्यनिष्ठा को तबाह किया, वही मॉडल अब कांग्रेस में भी लागू हो गया।
सोनिया को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि आपके पास सिर्फ नाम का नेतृत्व है, सभी महत्वपूर्ण फैसले या तो राहुल गांधी लेते हैं, या फिर इससे भी बदतर स्थिति में उनके सुरक्षाकर्मी और पीए लेते हैं।
आजाद ने कहा कि पार्टी में बदलाव और मजबूत करने के लिए उसमें हम लोगों ने सुझाव दिए थे। तब उन बातों को समझने की बजाय हम लोगों पर चाटुकार मंडली के नेताओं ने हमले किए। हमें बेहद निर्दयिता पूर्वक अपमानित किया गया।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि इस वक्त एआईसीसी को चला रही इस मंडली ने जम्मू में मेरी संकेतिक शवयात्रा तक निकलवाई। जिन लोगों ने ये अनुशासनहीनता की उन्हें दिल्ली में कांग्रेस महासचिवों और राहुल गांधी द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सम्मानित किया गया।
आजाद ने पर्दे के पीछे से पार्टी चलाये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मंडली के लोगों ने पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल के घर पर गुंडों से हमला करवाया। जो हमेशा कोर्ट में आपकी पैरवी करते रहे और आपको बचाने की कोशिश करते रहे। दुर्भाग्य से कांग्रेस अब उस स्थिति में आ गई है जहां से लौटने की कोई संभावना नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि  ये प्रयोग बुरी तरह से फेल होगा, क्योंकि पार्टी को व्यापक रूप से नष्ट कर दिया गया है। यहां तक कि जिसे चुना जाएगा वह केवल कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होगा। 
आजाद ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर जो जगह छोड़ी उसपर भाजपा ने कब्जा कर लिया और क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय दलों का कब्जा हो गया। यह सब पिछले आठ सालों में नॉन सीरियस राजनीति और नेतृत्व के थोपने चलते हुआ है। 
उन्होंने कहा कि अब संगठनात्मक चुनाव की पूरी प्रक्रिया केवल दिखावा है।  संगठन में किसी भी स्तर पर अब कोई सही चुनाव नहीं होता है। AICC के पदाधिकारी उस सूची पर साइन करते हैं जो 24 अकबर रोड पर बैठी मंडली तैयार करती है।
आजाद ने कहा, ‘‘ दरअसल, कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा की बजाय पूरे देश में कांग्रेस जोड़ो अभियान शुरू करना चाहिए। ऐसे में बेहद अफसोस और भारी मन से मैंने कांग्रेस से 50 साल पुराने संबंधों को तोड़ रहा हूं। इसके साथ ही मैं कांग्रेस के सभी पदों और उसकी प्रथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा रहा हूं। ’’







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