प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज 93,068 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ 2021-26 के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएकेएसवाई) के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है।
रेणुकाजी बांध परियोजना (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना (उत्तराखंड) नामक दो राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिये 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण का प्रावधान किया गया है। दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में भंडारण की शुरूआत करेंगी, जिससे यमुना बेसिन के ऊपरी हिस्से के छह राज्यों को फायदा पहुंचेगा। साथ ही दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को जलापूर्ति होगी तथा यमुना के उद्धार की दिशा में प्रगति होगी।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी ।
सरकारी बयान के अनुसार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीबी), हर खेत को पानी (एचकेकेपी) और भूमि, जल व अन्य विकास घटकों को 2021-26 में जारी रखने को भी मंजूरी दी गई।
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है। चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देने के अलावा, जिसमें उनसे सम्बंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र विकास भी शामिल है, अतिरिक्त परियोजनाओं को भी शुरू किया जा सकता है। जनजातीय इलाकों और जल्दी सूखे का सामना करने वाले इलाकों की परियोजनाओं कोशामिल करने के मानदंडों में ढील दी गई है।
हर खेत को पानी (एचकेकेपी) का उद्देश्य है कि खेतों तक पहुंच में इजाफा हो और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य भूमि का विस्तार हो। एचकेकेपी के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार-सुधार-बहाली, पीएमकेएसवाई के घटक हैं तथा इनका उद्देश्य है कि अतिरिक्त 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के दायरे में लाना।
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