प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से द्विपक्षीय बैठक के दौरान क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा की और दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये टैलेंट, ट्रेड, टेक्नोलाजी तथा ट्रस्टीशिप (प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, कारोबार और विश्वसनीयता) के महत्व पर जोर दिया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ मैं देख रहा हूं कि इस दशक में आपके नेतृत्व में हम जो बीज बोएंगे वो भारत-अमेरिका के साथ-साथ पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए बहुत ही परिवर्तनकारी रहेगा ।
मोदी ने बाइडेन से मुलाकात के दौरान कहा कि मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं ।
उन्होंने कहा कि पहले भी हमें चर्चा करने का अवसर मिला था और आपने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण रखा था. आज आप हमारे संबंधों के अपने विजन को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं ।
मोदी ने कहा कि आज का द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण है। हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं। आपका नेतृत्व निश्चित रूप से इस दशक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच और भी मजबूत दोस्ती के बीज बोए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को लेकर अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापाप सहित अनेक देशों ने चिंता व्यक्त की है। खुला एवं मुक्त हिन्द्र प्रशांत को लेकर एक तरफ अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान ने क्वाड गठबंधन बनाया है । दूसरी ओर अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आकस गठबंधन बनाया है।
यह बैठक उस समय काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब पिछले महीने ही अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया और हाल ही में उसने अंतरिम सरकार की घोषणा की है । विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान की अंतरिम सरकार पर पाकिस्तान का प्रभाव है। दुनिया के देशों का कहना है कि यह अंतरिम सरकार समावेशी नहीं है और इसमें महिलाओं सहित सभी वर्गो का प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत के दौरान कहा कि 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक पूरी दुनिया के साथ भारत और अमेरिका के लिये महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी रहेगा ।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एक प्रेरक शक्ति बन रही है. हमें अधिक से अधिक वैश्विक भलाई के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए अपनी प्रतिभा का उपयोग करना होगा ।
उन्होंने कहा कि ये दशक उस ट्रस्टीशिप के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जिसकी महात्मा गांधी हमेशा वकालत करते थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिकी संबंधों में आने वाले दशक में कारोबार महत्वपूर्ण कारक होगा तथा दोनों देशों के पास ऐसे संसाधन हैं जिससे हम एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं । ’’
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि हमारी साझेदारी बढ़ी है ।
बाइडन ने कहा, ‘‘ मुझे भरोसा है कि अमेरिका-भारत कई तरह की चुनौतियों का समाधान करने में मददगार हो सकते हैं। हम भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय देख रह हैं।’’
बाइडन ने कहा कि मोदी और मैं इस बारे में बातचीत करने जा रहे हैं कि हम कोविड-19 से निपटने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए क्या कर सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के अहिंसा, सहिष्णुता के पैगाम को याद रखना है।
आज अमेरिका राष्ट्रपति बाइडेन, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन, जापान के प्रधानमंत्री सुगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच क्वाड की बैठक भी होगी ।
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