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Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

मोदी ने बाइडन, विडोडो से बातचीत की, कहा- भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा

मोदी ने बाइडन, विडोडो से बातचीत की, कहा- भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बाली में जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की बैठक से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर.बाइडेन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की और कहा कि भारत इस समूह की अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों की आवाज बनेगा।
मोदी ने इस बात को दोहराया कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। उन्होंने जी-20 द्वारा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि जी-20 हमारी अर्थव्यवस्थाओं और उससे आगे सतत एवं समावेशी विकास को बहाल करने, मौजूदा जलवायु, ऊर्जा एवं खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी संबंधी बदलाव को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की पुष्टि की कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों की आवाज बनेगा। उन्होंने कमजोर देशों की सहायता करने, समावेशी विकास का समर्थन करने, आर्थिक सुरक्षा एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तपोषण का बेहतर एवं अभिनव मॉडल विकसित करने, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, निर्धनता कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने, और सार्वजनिक एवं निजी वित्तपोषण का लाभ उठाकर बुनियादी ढांचे से सबंधित अन्तराल को पाटने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया।
मोदी ने भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 के कार्यों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति विडोडो और राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र मं खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा विषय पर संबोधन दिया । 
मोदी ने कहा,‘‘जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम,और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याएं। इन सब ने मिल कर विश्व मे तबाही मचा दी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तहस-नहस हो गई हैं। पूरी दुनिया मे जीवन-जरूरी चीजें की सप्लाइ का संकट बना हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है। वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे। उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसी मल्टीलैटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। और हम सभी इनमे उपयुक्त सुधार करने मे भी असफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।’’
मोदी ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन मे संघर्ष-विराम और डिप्लोमसी की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी मे, दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व मे कहर ढाया था। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयत्न किया, अब हमारी बारी है।
उन्होंने कहा कि पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है। समय की मांग है कि हम विश्व मे शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं।
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 बुद्ध और गाँधी की पवित्र भूमि मे मिलेगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे।’’







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