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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है : राष्ट्रपति कोविंद

भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है  : राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है जो आर्थिक वृद्धि तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान का सृजन, प्रसार तथा उपयोग करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज, भारत और भारतीय कृत्रिम आसूचना, मशीन लर्निंग तथा मेटा-वर्स जो चौथी औद्योगिक क्रांति के आधार का निर्माण करती है, जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकीयों पर अनुसंधान तथा विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।’’
जमैका के संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत स्टार्टअप्स तथा नवोन्मेषी प्रौद्योगिकीयों का हब भी है तथा उन तीन शीर्ष देशों में शामिल है जहां यूनिकॉर्न की सबसे अधिक संख्या है।
कोविंद ने कहा,‘‘ भारत के शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से इसके विश्व प्रसिद्ध उत्कृष्टता संस्थानों, जिनमें विख्यात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) एवं भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के कई पूर्व छात्र विश्व के सबसे बड़े व्यवसायों तथा सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं, का निश्चित रूप से विशेष संदर्भ दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में जारी की गई हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, भारत विदेशों में कई नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को आरभ करने की योजना बना रहा है। मुझे प्रसन्नता है कि जमैका उन पहले देशों में है जिसने अपने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मेजबानी करने के प्रति रुचि प्रदर्शित की है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ जिसका अर्थ है ‘‘विश्व एक परिवार है’’ के आदर्श में भारत का स्थायी विश्वास हमारे शाश्वत मूल्यों को प्रदर्शित करता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के चरम दिनों के दौरान 100 से अधिक देशों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई और जमैका सहित कई देशों को कोविड-19 टीकों की सुविधा प्रदान की।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जमैका के साथ साझीदार बनने तथा इसके तकनीकी कौशलों, ज्ञान तथा विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है जो जमैका की शिक्षा एवं व्यवसायों में रूपांतरकारी बदलाव ला सकता है।
कोविंद ने कहा कि जमैका की शीर्ष कंपनियां पहले से ही भारत में स्थित टेक्नोलॉजी कंपनियों से सॉफ्टवेयर सोर्स करती हैं तथा बैकरूम तकनीकी सहायता प्राप्त करती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और जमैका पहले से ही कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत सहयोग कर रहे हैं। रेलवे तथा कृषि सेक्टरों में भी साझीदारी के लिए अत्यधिक संभावना है जो भारत की शक्ति में शामिल हैं।







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