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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

अफगानिस्तान में महिलाओं की 20 साल की तरक्की पर पानी फिरा, लड़कियां बेबस

अफगानिस्तान में महिलाओं की 20 साल की तरक्की पर पानी फिरा, लड़कियां बेबस

(प्रगति सिंह)

अफगानिस्तान में ऐसी लड़कियां अब खौफ में जी रही हैं जिन्होंने कभी तालिबान के शासन का अनुभव नहीं किया है । देश में पिछले 20 सालों में महिलाओं ने जो तरक्की हासिल की है, अब उसके पलट जाने का खतरा सिर पर आ गया है।

तालिबान की वापसी के साथ समाज बदल गया है और एक तरह से तबाह हो गया है। महिलाओं को छिपना पड़ रहा है और उन्हें घर से बाहर जाने के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। बच्चियों की स्थिति तो और भी खराब बतायी जा रही है।

तालिबान लड़ाकों के साथ कम उम्र की लड़कियों के विवाह करने को मजबूर करने की खबरें भी आ रही है। और तालिबान लड़ाकों की खौफ की वजह से कामकाजी महिलाओं ने दफ्तर जाना बंद कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि मई के अंत से जो लोग भाग गए हैं उनमें से लगभग 80% महिलाएं और बच्चे हैं ।

अभी जिस तरह के कपड़े करीमी पहनती हैं उस तरह के कपड़े तालिबान के शासन के दौरान नामुमकिन नहीं हैं।

तालिबान ने अफगान महिलाओं को अजीबोगरीब फरमान जारी करना शुरू कर दिया है। आतंकियों ने कहा है कि महिलाएं बिना पुरुष के बाजार नहीं जा सकती हैं। साथ ही लड़कियों को सैंडल पहनने पर रोक लगा दी गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानियों ने काबुल के उत्तरी तखर प्रांत में एक ट्रैक्टर पर जा रहे कुछ लोगों को रोका गया और उस पर बैठी लड़कियों को सैंडिल पहनने के लिए फटकार लगाई गई।

20 साल की आयु वर्ग की युवतियां तालिबान के शासन के बिना बड़ी हुईं, अफगानिस्तान में इस दौरान महिलाओं ने कई अहम तरक्की हासिल की थी। लड़कियां स्कूल जाती थी, महिलाएं सांसद बन चुकी थी और वे कारोबार में भी थी । लेकिन अब यह सब खत्म हो गया है। 

अफगानिस्तान में भगदड़ मची हुई है क्योंकि तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। तालिबानी लड़ाके राजधानी काबुल में चारों तरफ से घुस गए और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर फरार हो गए। काबुल स्थित हवाई अड्डे का नजारा किसी बस अड्डे जैसा नजर आ रहा है, लोग अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं और कुछ तो भागने की फिराक में मर रहे हैं। अफगानी लोग दुवाएं कर रहे हैं। 

इसी बीच एक अफगानी लड़की का वीडियो वायरल हो रहा है जिसने अपनी व्यथा प्रकट की है और वह कह रही है कि हम धीरे-धीरे मर जाएंगे।

पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने अफगानिस्तान हालात पर चिंता जताई है। विशेष तौर पर  महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर मलाला बेहद चिंतित हैं।

अफगानिस्तान की लड़कियों को अपना कोई भविष्य नहीं दिख रहा है और पूरी दुनिया ने लगता है कि उनसे मुंह मोड़ लिया है। 

पिछले 20 वर्षो में अफगानिस्तान में महिला सशक्तिकरण की दिशा में काफी काम हुआ था । साल 2004 के अफगान संविधान में कहा गया, "अफगानिस्तान के नागरिकों, पुरुष और महिला, के कानून के समक्ष समान अधिकार और कर्तव्य हैं." इस बीच, महिलाओं को जबरन और कम उम्र में शादी और हिंसा से बचाने के लिए 2009 का एक कानून पेश किया गया ।

लेकिन तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद यह बेमानी हो गया है। कई अफगान तालिबान की वापसी से नाराज हैं और उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है । लेकिन इस स्थिति से सबसे अधिक बेबस महिलाएं और लड़कियां हैं । 







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