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Saturday May 11, 2024
Aryavart Times

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय की महत्‍वाकांक्षी परियोजना भारतीय अनुवाद

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय की महत्‍वाकांक्षी परियोजना भारतीय अनुवाद

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय की महत्‍वाकांक्षी परियोजना ‘भारतीय अनुवाद संघ’की शुरूआत हो गई है । यह जानकारी विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं ‘भारतीय अनुवाद संघ’ के संयोजक प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल ने दी। 

शुक्ल ने बताया कि  भारतीय अनुवाद संघ का यह पहला ई-सम्‍मेलन है।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की स्थापना मुख्यत: हिंदी भाषा और साहित्य की उन्नति और विकास के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के भी उन्नयन और विकास तथा सुसंगत विद्या-शाखाओं में ज्ञान-विज्ञान को उपलब्ध कराने और हिंदी की प्रकार्यात्मक क्षमता का विकास करने के उद्देश्‍य से की गई है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में शिक्षण की व्यवस्था और उसके क्रियान्वयन के संबंध में जो संकल्प व्यक्त किए गए हैं, विश्वविद्यालय के उद्देश्य भी उसी के अनुरूप हैं । विश्वविद्यालय ने इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अपने नियमित कर्तव्यों के साथ कई अन्य कार्य-योजनाएँ भी विकसित की हैं और उनके क्रियान्वयन के यथासंभव प्रयास किये हैं। ‘भारतीय अनुवाद संघ’ की स्थापना इन्हीं कार्य योजनाओं में से एक है ।

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रसारित गूगल फॉर्म द्वारा पंजीकरण कर अबतक देश-विदेश की छियालीस (46) विभिन्न भाषाओं के 866 अनुवादक पंजीकृत हुए हैं । विश्वविद्यालय ने विभिन्न विधाओं के क्षेत्र में उपलब्ध प्रतिष्ठित ग्रंथों के अनुवाद का संकल्प किया है। इसमें स्वत्वाधिकारमुक्त ग्रंथ तो सम्मिलित हैं ही, किंतु स्वत्वाधिकारियों की अनुमति प्राप्त कर अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथों को हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित करने की योजना है । ‘भारतीय अनुवाद संघ’ अनुवाद के अतिरिक्त विभिन्न विद्या शाखाओं को विकसित करने के लिए अद्यतन ज्ञान आधारित मौलिक पुस्तकों के सर्जन का भी कार्य करेगा । इससे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, विधि एवं प्रबंधन आदि में अनूदित साहित्य के साथ-साथ मौलिक ज्ञान सामग्री तैयार हो सकेगी, जिससे इन विद्या शाखाओं में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में शिक्षा दिये जाने के लिए सुदृढ़ भित्ति तैयार हो सकेगी । ‘भारतीय अनुवाद संघ’ ज्ञान के अतिरिक्त भारतीय भाषाओं के साहित्य को एक से दूसरी भाषा में अनूदित/ अनुसृजित कराये जाने का भी संकल्प रखता है, जिससे भारतीय साहित्य की संकल्पना को भली-भांति रूपायित करने का कार्य संपन्न हो सके । विदेशी भाषाओं की क्लासिक कृतियों को हिंदी में अनूदित कराया जाना भी इसमें सम्मिलित है । विश्वविद्यालय सभी पुस्तकों के मुद्रित संस्करण के साथ-साथ इनके ई-संस्करण भी प्रकाशित करेगा ।







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