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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

राजस्थान में मध्यप्रदेश जैसे हालात : गहलोत सरकार पर संकट के बादल

राजस्थान में मध्यप्रदेश जैसे हालात : गहलोत सरकार पर संकट के बादल

राजस्थान की राजनीति में मध्य प्रदेश जैसे हालात बनते हुए दिख रहे हैं। राज्य में एक  महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है।

एक अधिकारिक बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होनेवाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

बयान के अनुसार,‘‘राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट सोमवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।’’

पायलट ने कहा कि 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों द्वारा उन्हें समर्थन देने के वादे के बाद अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है।

शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सरकार को भाजपा द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाने के बाद राजनीतिक संकट के बीच पायलट की यह पहली प्रतिक्रिया है।

यह आरोप लगाया गया था कि भाजपा मध्यप्रदेश की तर्ज पर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, जबकि पार्टी के विधायक और निर्दलीय विधायक गहलोत के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करने के लिये उनके निवास पर मुलाकात कर हैं।

पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी।

सूत्रों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक विधायक जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट के समर्थन में कांग्रेस के करीब 30 विधायक हैं। इसके अलावा कुछ निर्दलीय विधायक भी उनके समर्थन में आ सकते हैं।

उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय दिल्ली से जयपुर पहुंच गए हैं। तीनों नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। ये लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक कर रहे हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर अविनाश पांडेय ने कहा था कि उनकी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन जयपुर इसी दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि सचिन पायलट से उनकी बात नहीं हो पा रही है।

 इस बीच सचिन पायलट के पुराने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कांग्रेस और अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. ज्योतिरादित्य सिंध‍िया ने ट्वीट किया, 'यह देखकर दुखी हूं कि मेरे पुराने सहयोगी सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया. यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता पर कम ही भरोसा किया जाता है.'

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा पर अपनी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि वह पार्टी को लेकर चिंतित हैं। सिब्बल ने इस 'संकट' से तुरंत निपटने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व कब 'जागेगा'? उन्होंने ट्वीट किया, 'पार्टी को लेकर चिंतित हूं। क्या हम तब जागेंगे जब हमारे हाथ से सब कुछ निकल जाएगा।'

पायलट की नाराजगी उस समय बढ़ गई जब एसओजी की ओर से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया जो राज्य में सत्तारूढ़ विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले से जुड़ी है । यहां यह भी देखने वाली बात है कि एसओजी ने पूछताछ के लिए सीएम अशोक गहलोत को भी चिट्ठी भेजी है। धारा 160 के तहत एसओजी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। एसओजी की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मामले के बारे में विस्तार से पूछा जाएगा ना कि किसी किस्म की पूछताछ होगी।







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