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Monday April 29, 2024
Aryavart Times

भूपेन्द्र पटेल होंगे गुजरात के नये मुख्यमंत्री

भूपेन्द्र पटेल होंगे गुजरात के नये मुख्यमंत्री

घाटलोडिया सीट से भाजपा विधायक भूपेन्द्र पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री होंगे । गुजरात भाजपा विधायक दल की बैठक में भूपेन्द्र पटेल के नाम पर मुहर लगी ।

राज्य के लिये पार्टी पर्यवेक्षक एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज भाजपा गुजरात राज्य विधानमंडल दल के नेता के निर्वाचन के लिये बैठक आयोजित की गई थी, इसके लिये मुझे और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिम्मेदारी दी । 

तोमर ने कहा कि विधायक दल की बैठक में नये विधानमंडल दल के नेता के रूप में भूपेन्द्र पटेल का नाम आया और उनका अनुमोदन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने किया । 

उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी विधानमंडल के नये नेता के रूप में भूपेन्द्र पटेल के नाम का अनुमोदन किया। 

उल्लेखनीय है कि घाटलोडिया सीट से आनंदीबेन पटेल चुनाव लड़ती रही है। 

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भूपेन्द्र पटेल को आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। वे पाटीदार नेता है । पाटीदार समुदाय का गुजरात में काफी प्रभाव माना जाता है। 

गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपना चेहरा बदल दिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अचानक राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। न भाजपा ने और न ही रुपाणी ने इस्तीफे का कोई ठोस कारण बताया है।

रुपाणी ने इतना जरूर कहा कि समय के साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व बदलते रहते हैं। 

चुनाव से पहले सीएम बदलना भाजपा के लिए कोई नई बात नहीं है। हाल ही में भाजपा ने उत्तराखंड और कर्नाटक में भी अपने मुख्यमंत्रियों को बदला है। 

राजनीतिक ऐसा नहीं है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को बदलना मास्टर स्ट्रोक ही होता है, यह रिस्की भी बहुत है। सवाल तो उठेंगे ही कि अगर मुख्यमंत्री सही काम कर रहे थे तो बदला क्यों गया? गुजरात में विपक्ष ने घेरना भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने इसे राज्य सरकार के प्रति जनता की नाराजगी को दूर करने पैंतरा करार दिया है। येदियुरप्पा के मामले में तो बीजेपी ज्यादा उम्र का हवाला दे सकती है, लेकिन रुपाणी के मामले में तो यह बहाना भी चलेगा। 

राजनीति है ही परसेप्शन का खेल। अगर विपक्ष जनता में यह धारणा पुख्ता करने में कामयाब हो गया कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए चेहरे बदल रही है तो बीजेपी का यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। हालांकि, गुजरात में बीजेपी का यह दांव आजमाया हुआ है जिसमें उसे कामयाबी भी मिली है। 2001 में भी बीजेपी ने इसी तरह केशुभाई पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब भूकंप के बाद तत्कालीन केशुभाई पटेल सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी थी और कई उपचुनावों में बीजेपी को शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला ही इसीलिए जाता है कि अगर मौजूदा मुख्यमंत्री या सरकार के प्रति जनता में कोई नाराजगी है तो इससे दूर की जा सकती है। यह कुछ-कुछ वैसे ही कि चुनाव में मौजूदा विधायक या सांसद का टिकट काट दिया जाए ताकि उस उम्मीदवार को लेकर वोटरों की नाराजगी या असंतोष को दूर किया जा सके।







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