देश में अपनी तरह के पहले और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस ऑनलाइन स्कूल की शुरुआत हुई है। साइबोर्ड स्कूल के नाम से शुरू हुआ यह स्कूल देश के दो आन्ट्रप्रनर और विज़नरीज़- रजत सिंघल, सह-संस्थापक और सीईओ और कुणाल सिंघल, सह-संस्थापक और सीटीओ की संकल्पना है। इस स्कूल की मुख्य विशेषताओं में हाइब्रिड लर्निंग मॉडल शामिल है, जिसके अंतर्गत ऑनलाइन कक्षाओं के अलावा प्रत्येक वर्ष में 30 दिनों का फिजिकल कैंप और शहर-स्तरीय इंटरैक्शन शामिल है।
स्कूल मार्च 2021 के अंत तक पहली से तीसरी कक्षा के लगभग 5,000 छात्रों का नामांकन और वर्ष 2025 तक भारत के K-12 मार्केट का 1% शेयर प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक K-12 एजुकेशन में व्याप्त कमियों जैसे कि पर्सनलाइज्ड लर्निंग में कमी, अपेक्षित बुनियादी ढांचे और अच्छे शिक्षकों की कमी, सीमित छात्र-शिक्षक बातचीत और ट्यूशनों पर बढ़ती निर्भरता को दूर करके अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, विशेषज्ञ संकाय सदस्यों, किसी भी भौगोलिक बाधाओं के परे छात्रों को भविष्य की शिक्षा प्रदान करना है।
साइबोर्ड स्कूल के सह-संस्थापक श्री रजत सिंघल ने कहा, "भारत दुनिया की सबसे बड़ी शैक्षणिक प्रणालियों में से एक है। अनुमान है कि वर्ष 2025 तक ऑनलाइन K-12 सेगमेंट की मौजूदगी $ 1.6 बिलियन से बढ़कर 4.3 बिलियन यानी लगभग 3.7 गुना अधिक हो जाएगा होगा। कोविड-19 महामारी ने डिजिटलीकरण के महत्व को रेखांकित किया गया है और एजुकेशन सेक्टर भी इस से अलग नहीं है। हम हर किसी तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे अपने प्रयास में इस नई यात्रा की शुरुआत को लेकर खासा उत्साहित हैं। एक हाइब्रिड मॉडल के माध्यम से, अत्याधुनिक तकनीक का के जरिए साइबोर्ड स्कूल पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त खामियों को खत्म करेगा।”
साइबोर्ड स्कूल शुरुआत में पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के साथ शुरू होगा। स्कूल एडाप्टिव लर्निंग को बढ़ावा देगा ताकि बच्चों की शैक्षणिक नींव मजबूत हो और उनके लिए अतिरिक्त ट्यूशन की आवश्यकता समाप्त हो जाए। छात्रों के फेशियल रिकोग्नैजेशन और बॉडी लैंग्वेज की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। स्कूल एक मासिक शुल्क मॉडल पर आधारित है।
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