34.5c India
Monday April 29, 2024
Aryavart Times

इबोला वायरस संबंधी तथ्‍य–पत्र: इबोला वायरस से होने वाला रोग एक गंभीर रोग है !

इबोला वायरस संबंधी तथ्‍य–पत्र: इबोला वायरस से होने वाला रोग एक गंभीर रोग है !

तथ्‍य पत्र
 
 
·           इबोला वायरस से होने वाला रोग (जिसे पहले इबोला हिमोरहेजिक बुखार के नाम से जाना जाता था)  एक गंभीर रोग है जिसमें अक्‍सर मृत्‍यु हो जाती है और मृत्‍यु दर 90 प्रतिशत तक है। यह बीमारी मनुष्‍यों के साथ-साथ गैर मानव प्रजातियों (प्राइमेट्स) (वानर, गोरिल्‍ला और चिंपेंजी) को अपनी चपेट में लेती है।
·           जेनस इबोला वायरस फिलोविरिडी परिवार के तीन सदस्‍यों में से एक है। इस वंश के दो अन्‍य सदस्‍यो के नाम जेनस मारवर्ग वायरस और क्‍यूवे वायरस हैं। जेनस इबोला वायरस की पांच विशिष्‍ट प्रजातियां से निर्मित हैं-
1   बुंडीबुगियोबोलावायरस (बीडीबीवी)
2   जायरे इबोलावायरस (इबीओवी)
3   रेस्‍टर्न इबोलावायरस (आरईएसटीवी)
4   सूडान इबोलावायरस (एसयूडीवी)
5   ताई फोरेस्‍ट इबोलावायर (टीएएफवी)
 
·                    18 मई 2014 तक गिनी के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने इबोला वायरस रोग के कुल 253 मामलों की जानकारी दी जिसमें 176 मृत्‍यु के मामले भी शामिल हैं। इस बीमारी के मामलों/मृत्‍यु और बीमारी से ग्रस्‍त देशों के बारे में नवीनतम आंकडों की जानकारी विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। 
 
संक्रमण
 
·        मनुष्‍यों में इबोला घनि‍ष्‍ठ संपर्क से फैलता है। संक्रमि‍त पशुओं के शरीर से नि‍कलने वाले रक्‍त तथा बंदरों, वन्‍य वनचरों और साहि‍यों के संक्रमि‍त अंग स्राव से यह बीमारी फैलती है।
·        मानव से मानव में संक्रमण – संक्रमण सीधे संपर्क का परि‍णाम होता है (यह टूटे चर्म अथवा चर्म तंतुओं के कारण हो सकता है)। रक्‍त, स्राव, अंगों अथवा संक्रमि‍त लोगों के शारीरि‍क अंगों के स्राव तथा अप्रत्‍यक्ष संपर्क के कारण भी यह हो सकता है। संक्रमि‍त स्रावों के चलते भी यह वायरस फैल सकता है। मरीजों का इलाज करने के कारण स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी प्राय: संक्रमि‍त पाए गए है और उनमें ईवीडी की पुष्‍टि‍ हुई है।
·        यह वायरस संक्रमि‍त व्‍यक्‍ति‍ के वीर्य से भी फैल सकता है, यदि‍ संक्रमणकारी व्‍यक्‍ति‍ सात हफ्ते से कम समय पहले रोग मुक्‍त हुआ हो।
·        स्‍वास्थ्यकर्मी प्राय: मरीजों का इलाज करते समय अथवा संदि‍ग्‍ध ईवीडी पुष्‍टि‍ वाले मरीजों का इलाज करते समय इससे संक्रमि‍त हो जाते हैं, कारण है मरीजों के साथ घनि‍ष्‍ठ संपर्क, जब पूरे सतर्कता प्रावधानों का पालन न कि‍या गया हो।
·        जो लोग इस बीमारी से लंबे समय तक संक्रमि‍त होते रहते हैं उनके रक्‍त और स्रावों से यह वायरस फैलता है। संक्रमि‍त व्‍यक्‍ति‍ के वीर्य में ईबोला 61 दि‍न बाद भी प्रयोगशाला में पाया गया।
 
चि‍ह्न और लक्षण
·        ईवीडी एक गंभीर बीमारी है और इसके नि‍म्‍नलि‍खि‍त लक्षण एकाएक प्रकट होते हैं:
o       बुखार
o       बहुत कमजोरी
o       मांसपेशि‍यों में दर्द
o       सि‍र दर्द
o       गला खराब होना
o       उल्‍टी
o       पेचि‍श
o       शरीर पर चकत्‍ते
o       संक्रमि‍त कि‍डनी और संक्रमि‍त लि‍वर तथा
o       कुछ मामलों में आंतरि‍क और बाह्य दोनों प्रकार का रक्‍त स्राव







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़