34.5c India
Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

पंजशीर में युद्ध अभी खत्म नहीं, पाकिस्तान पर दखल देने के आरोप

पंजशीर में युद्ध अभी खत्म नहीं, पाकिस्तान पर दखल देने के आरोप

काबुल पर काबिज होने और अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार की घोषणा के बीच तालिबान ने जोर देकर कहा कि उसका पंजशीर पर कब्जा हो गया । वहीं, अहमद मसूद एवं अमरूल्ला सालेह के नेतृत्व वाले प्रतिरोधी फोर्स ने कहा कि युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ और उनकी लड़ाई जारी है। 

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले में मदद देने की खबरों को खारिज कर दिया है। हालांकि, अनेक देशों के विशेषज्ञ एवं घटनाक्रम पर नजर रखने वाले लोगों ने अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के दखल और साजिश का आरोप लगाया है। 

कई विदेशी मीडिया रिपोर्ट में ऐसी खबरें आ रही हैं कि तालिबान ने अमरूल्ला सालेह के बड़े भाई की हत्या कर दी है हालांकि इसकी अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के दिवंगत नेता अहमद शाह मसूद की कब्र के पास तोडफोड करने की भी खबरें आ रही हैं।

कुछ खबरों में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ड्रोन हमलों द्वारा और पाकिस्तानी विशेष बलों से भरे 27 हेलीकॉप्टरों के साथ पंजशीर में तालिबान के हमले में सहायता कर रही थी।

इस बीच टोलो न्यूज के हवाले से खबर आई है कि पंजशीर के निवासियों का कहना है कि रास्ते बंद किये जाने से भूखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है ।

वहीं,तालिबान ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कार्यरत अधिकारियों के बैंक खाते बंद कर दिये हैं । 

दूसरी ओर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने एक बयान में, “इन आरोपों को दुष्ट भावना से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में सिरे से खारिज कर दिया।”

पंजशीर, एक दुर्गम पहाड़ी घाटी है जहां 1,50,000 से 2,00,000 लोग रहते हैं। यह 1980 के दशक में अफगानिस्तान के सोवियत कब्जे में होने और तालिबान के शासन की पिछली अवधि के दौरान, 1996 से 2001 के बीच प्रतिरोध का केंद्र था।

अमेरिकी की  सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा एवं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ बैठक की । इससे पहले बर्न्स भारत में शीर्ष स्तर पर बैठक कर चुके हैं । 

मंगलवार को तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार की घोषणा किये जाने के बाद यह बैठक हुई है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद, उनके दो उप प्रधानमंत्री समेत तालिबान के अंतरिम मंत्रिमंडल के कम से कम 14 सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में हैं ।







Start the Discussion Now...



LIVE अपडेट: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज़