भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता शुरू की। प्रस्तावित एफटीए से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने में मदद मिलने की उम्मीद है । यह चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों में भारतीय निर्यात को प्रमुखता से प्रोत्साहन देगा ।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार राज्य सचिव ऐनी मैरी ट्रेवेलियन के साथ यूनाइटेड किंगडम के साथ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता शुरू की।
सरकारी बयान के अनुसार, गोयल ने कहा कि हमारे साझा इतिहास और समृद्ध संस्कृति पर बनी साझेदारी के साथ भारत और यूके दोनों जीवंत लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि यूके में विभिन्न भारतीय प्रवासी हैं जो "लिविंग ब्रिज" के रूप में काम करते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों में और गतिशीलता को बढ़ाते हैं।
मंत्री ने कहा कि यूके के साथ एफटीए से निश्चितता, पूर्वानुमेयता और पारदर्शिता प्रदान करने की उम्मीद है और यह एक अधिक उदार, सुविधाजनक और प्रतिस्पर्धी सेवा व्यवस्था बनाएगा।
वहीं, ब्रिटिश उच्चायोग के बयान में इस विषय पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का हवाला देते हुए कहा गया है "भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ एक व्यापार समझौता ब्रिटिश व्यवसायों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं के लिए भारी लाभ प्रदान करता है। जैसा कि हम भारत के साथ अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाते हैं, ब्रिटेन की स्वतंत्र व्यापार नीति देश भर में नौकरियां सृजित कर रही है,वेतन मे बढ़ोतरी रही है और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
जानसन ने कहा है कि ब्रिटेन के पास विश्व स्तरीय व्यवसायों और विशेषज्ञता है जिस पर हमे गर्व है, स्कॉच व्हिस्की डिफाल्टर से वित्तीय सेवाओं और अत्याधुनिक नवीकरणीय प्रौद्योगिकी तक। हम वैश्विक स्तर पर अपनी जगह मजबूत करने और घर में रोजगार और विकास प्रदान करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में दिए गए अवसरों से फायदा उठा रहें हैं।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियान के हवाले से कहा गया है कि "भारत के साथ समझौता ब्रिटेन के व्यवसायों को पहली कतार पर रखने का सुनहरा अवसर है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती जा रही है। 2050 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी जिसमें लगभग 250 मिलियन ग्राहकों का मध्यम वर्ग होगा। हम अपने महान ब्रिटिश उत्पादकों और कई उद्योगों में खाद्य और पेय से सेवाओं और मोटर वाहन के लिए निर्माताओं के लिए इस विशाल नए बाजार से अत्यंत लाभ होगा।
दूसरी ओर पीयूष गोयल न कहा है कि एफटीए के प्रथम प्रस्तुतीकरण के बाद दोनों देश व्यापार सौदे के दायरे और कवरेज पर चर्चा के लिए लगातार और नियमित रूप से एक-दूसरे से जुड़ेंगे।
यह देखते हुए कि यूके भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार था, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार की पर्याप्त मात्रा थी। इस पर गोयल ने कहा कि पर्यटन, तकनीक, स्टार्टअप, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया गया है और दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित रियायतों और बाजार पहुंच पैकेज के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार समझौते की उम्मीद करते हैं।
बाजार पहुंच के मुद्दों को संबोधित करके और व्यापार प्रतिबंधों को हटाकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए गोयल ने कहा कि इससे दोनों देशों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
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