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Sunday May 12, 2024
Aryavart Times

चीनी सत्र 2017-18 की तुलना में 2021-22 में चीनी का निर्यात 15 गुना हुआ

चीनी सत्र 2017-18 की तुलना में 2021-22 में चीनी का निर्यात 15 गुना हुआ

चीनी सत्र 2017-18 की तुलना में वर्तमान चीनी सत्र 2021-22 में चीनी का 15 गुना निर्यात हो चुका है। आयात करने वाले प्रमुख देशों में इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, यूएई, मलेशिया और अफ्रीकी देश शामिल हैं।
उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ चीनी सत्र 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में क्रमशः 6.2 एलएमटी, 38 एलएमटी और 59.60 एलएमटी चीनी का निर्यात किया गया था।’’
मंत्रालय के अनुसार, चीनी सत्र 2020-21 में 60 एलएमटी के लक्ष्य की तुलना में लगभग 70 एलएमटी का निर्यात किया गया था। बीते 5 साल के दौरान चीनी के निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए चीनी मिलों को लगभग 14,456 करोड़ रुपये और बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए रखरखाव लागत के रूप में 2,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीनी की कीमतों में तेजी और स्थायित्व का रुख है, इसलिए वर्तमान चीनी सत्र 2021-22 में चीनी के निर्यात के लिए लगभग 90 एलएमटी के निर्यात के अनुबंध किए गए हैं और यह भी बिना किसी निर्यात सब्सिडी के ऐलान के किया गया है। इसमें से 75 एलएमटी का निर्यात 18.05.2022 तक कर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि अतिरिक्त चीनी की समस्या का स्थायी समाधान खोजने के क्रम में, सरकार अतिरिक्त गन्ने को एथेनॉल के उत्पादन में लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने, कच्चे तेल का आयात बिल में कमी लाकर विदेशी मुद्रा बचाने और वायु प्रदूषण घटाने के विजन के साथ, सरकार ने पेट्रोल के साथ 2022 तक 10 फीसदी और 2025 तक 20 फीसदी ईंधन ग्रेड का एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय किया है।
एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2021-22 में, 08.05.2022 तक पेट्रोल के साथ लगभग 186 करोड़ लीटर एथेनॉल के मिश्रण के साथ 9.90 प्रतिशत मिश्रण हासिल कर लिया गया है। 







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