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Sunday May 12, 2024
Aryavart Times

भारत ने बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार पहलुओं में अस्थायी छूट के प्रस्ताव को महत्वपूर्ण

भारत ने बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार पहलुओं में अस्थायी छूट के प्रस्ताव को महत्वपूर्ण

भारत ने कोविड-19 आपातकाल के दौरान बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) में अस्थायी छूट दिए जाने के प्रस्ताव के  120 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त होने को महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि सस्ते कोविड-19 टीके और आवश्यक चिकित्सा उत्पादों के उत्पादन की गति को बढ़ाने में मदद मिलेगी ।

वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, वैश्विक स्वास्थ्य संकट और कोविड-19 महामारी से निपटने की जरूरत को देखते हुए भारत एवं दक्षिण अफ्रीका ने 2 अक्टूबर, 2020 को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक प्रस्ताव पेश किया था। 

इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों के लिए टीकों और दवाओं की त्वरित एवं सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ट्रिप्स पर समझौते के मानदंडों में छूट दी जाए।

भारत और अन्य समान सोच वाले देशों द्वारा सक्रिय प्रयासों के परिणामस्वरूप इस प्रस्ताव को 120 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है। 

26 अप्रैल, 2021 को फोन पर हालिया बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को डब्ल्यूटीओ में भारत की इस पहल के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य मानवता का लाभ है।  

बयान में कहा गया है कि, ‘‘हम इस पहल के लिए समर्थन को लेकर 5 मई को घोषित अमेरिकी सरकार के बयान का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि एक सर्वसम्मति आधारित दृष्टिकोण के साथ डब्ल्यूटीओ में इस छूट को जल्द ही मंजूरी दी जा सकती है।’’

मंत्रालय ने कहा कि यह छूट सस्ते कोविड-19 टीके और आवश्यक चिकित्सा उत्पादों के उत्पादन की गति को बढ़ाने एवं समय पर इनकी उपलब्धता को सक्षम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।   

उल्लेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक डब्ल्यूटीओ में कोविड-19 आपातकाल के दौरान बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) में अस्थायी छूट दिए जाने के अपने प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अमेरिकी सांसदों और नीति निर्माताओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत सहित दुनिया के कई देशों में हालात की गंभीरता के कारण दोनों देशों के राजनयिक वाशिंगटन डीसी में यूएस कैपिटल और सत्ता के गलियारों के हर दिन चक्कर लगा रहे हैं। ये मुलाकातें ज्यादातर आभारी होती हैं, जिसमें यह समझाने की कोशिश की जाती है कि यह फैसला जीवन को बचाने के लिए कितना जरूरी है।

दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों के अलावा, भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और दक्षिण अफ्रीका की राजदूत नोमाइन्डेया कैथलीन मैफेकेटो, मिलकर कैपिटल हिल में सांसदों और बाइडन प्रशासन में नीति निर्माताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। 







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