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Monday May 13, 2024
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बजट 2021-22 : स्वस्थ्य भारत और मजबूत बुनियाद पर अर्थव्यवस्था को गति देने का खाका

बजट 2021-22 : स्वस्थ्य भारत और मजबूत बुनियाद पर अर्थव्यवस्था को गति देने का खाका

कोविड19 महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया जिसमें इस बात के साफ संकेत दिया गया है कि ‘स्वस्थ भारत’ और ‘मजबूत बुनियाद’ पर ही देश आगे बढ़ेगा । सरकार ने जिस तरह राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया है और आत्मनिर्भर उससे यह बात साफ है. वित्त मंत्री के बजट में ऐसा कोई नया टैक्स नहीं लगाया जिसका निवेशकों, कारोबारियों या करदाताओं पर नकारात्मक असर पड़े । 

इसका ही प्रभाव था कि शेयर बाजार में काफी उछाल देखा गया और निवेशकों की सम्पत्ति में एक ही दिन में 6.8 लाख करोड़ रुपये का इजाफा देखा गया और अनेक वर्गो की ओर से इसका स्वागत किया गया । 

निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2021-22 पेश किया, जो इस नये दशक का पहला बजट है और अप्रत्‍याशित कोविड संकट के मद्देनजर एक डिजिटल बजट भी है। आत्‍मनिर्भर भारत का विजन प्रस्‍तुत करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह दरअसल 130 करोड़ भारतीयों की एक स्‍पष्‍ट अभिव्‍यक्ति है, जिन्‍हें अपनी क्षमता और कौशल पर पूर्ण भरोसा है। 

उन्‍होंने अर्थव्‍यवस्‍था पर महामारी के प्रभाव के परिणास्‍वरूप एक कमजोर राजस्‍व अंत:प्रवाह को रेखांकित किया। एक बार स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति स्थिर होने और लॉकडाउन धीरे-धीरे उठाया गया था। सरकारी खर्च बढ़ गया था। जिसके कारण घरेलू मांग पुनर्जिवित हुई। जिसके कारण 2020-21 के लिए 30.42 लाख करोड़ के मूल बजट अनुमान व्‍यय की तुलना में संशोधित अनुमान 34.50 लाख करोड़ आंके गए हैं और व्‍यय की गुणवत्‍ता बरकरार रखी गई है।

उन्‍होंने कहा कि बजट प्रस्‍तावों से राष्‍ट्र पहले, किसानों की आय दोगुनी करने, मजबूत अवसंरचना, स्‍वस्‍थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिए अवसर, सभी के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, समावेशी विकास, इत्‍यादि का संकल्‍प और मजबूत होगा।

बजट प्रस्‍ताव इन 6 स्‍तंभों पर आधारित हैं जिनमें स्‍वास्‍थ्‍य एवं खुशहाली, भौतिक एवं वित्‍तीय पूंजी, और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना, नवाचार और अनुसंधान व विकास और न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन शामिल है ।

स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश में उल्‍लेखनीय वृद्धि की गई है और वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में स्‍वास्‍थ्‍य एवं खुशहाली के लिए बजट परिव्‍यय 2,23,846 करोड़ रुपये का है, जबकि इस साल का बजट अनुमान 94,452 करोड रुपये का है, जो 137 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि 6 वर्षों में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के परिव्‍यय वाली एक नई केन्‍द्र प्रायोजित स्‍कीम ‘पीएम आत्‍मनिर्भर स्‍वस्‍थ भारत योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। इससे प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियों की क्षमता विकसित होगी, मौजूदा राष्‍ट्रीय संस्‍थान मजबूत होंगे, और नये संस्‍थानों का सृजन होगा, जिससे नई और उभरती बीमारियों की पहचान एवं इलाज करने में आसानी होगी।

वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में कोविड-19 वैक्‍सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय कर देगी तथा मिशन पोषण 2.0 को लॉन्‍च करेगी। सरकार सभी 112 जिलों में पोषण संबंधी परिणामों को बेहतर करने के लिए एक गहन रणनीति अपनाएगी।

वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्‍शनों के साथ सभी 4378 शहरी स्‍थानीय निकायों में सार्वभौमिक जलापूर्ति के लिए जल जीवन मिशन (शहरी) का शुभारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्‍ट का प्रबंधन किया जाएगा। इसे 2,87,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ अगले 5 वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।

आत्‍मनिर्भर भारत के लिए विनिर्माण वैश्विक दिग्‍गजों को सृजित करने हेतु 13 सेक्‍टरों में पीएलआई स्‍कीम की घोषणा की गई है। इसके लिए सरकार ने अगले 5 वर्षों में लगभग 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है, जिसकी शुरुआत वित्‍त वर्ष 2021-22 से होगी।

वस्‍त्र उद्योग को वैश्विक स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धी बनाने, बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई स्‍कीम के अलावा ‘मेगा इन्‍वेस्‍टमेंट टेक्‍सटाइल पार्क्‍स (मित्र)’ नामक योजना शुरू की जाएगी।  तीन वर्षों में 7 वस्‍त्र पार्क स्‍थापित किए जाएंगे।

सड़क एवं अवसंरचना क्षेत्र के तहत मार्च 2022 तक सरकार 8500 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए भी ठेके दे देगी। इसके साथ ही सरकार 11000 किलोमीटर और लंबे राष्‍ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लेगी।

बजट में रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि प्रदान की गई है, जिसमें 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्‍यय के लिए है।

सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं के विस्‍तार में आवश्‍यक सहयोग देने के लिए 18000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी।

कुल 702 किलोमीटर लंबी मेट्रो परिचालन में है और 27 शहरों में 1,016 किलोमीटर मेट्रो व आरआरटीएस निर्माणाधीन हैं। टियर-2 शहरों और टियर-1 शहरों के आसपास के इलाकों में कम लागत में समान अनुभव, सुविधा और सुरक्षा से युक्त मेट्रो रेल प्रणालियां उपलब्ध कराने के लिए दो नई तकनीक ‘मेट्रोलाइट’ और ‘मेट्रोनियो’ लागू की जाएंगी।

उज्ज्वला योजना का लाभ 8 करोड़ परिवारों को पहले ही मिल चुका है और अब 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों तक इसका विस्तार किया जाएगा।

सीतारमण ने बीमा क्षेत्र में स्वीकार्य एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और आवश्यक सुरक्षा के साथ विदेशी स्‍वामित्‍व एवं नियंत्रण की अनुमति देने के लिए बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया है।

सरकार 2021-22 में जीवन बीमा निगम का आईपीओ भी लाएगी, जिसके लिए आवश्यक संशोधन इसी सत्र में लाया जाएगा।

किसानों को पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने वित्त वर्ष 22 में कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसी प्रकार, ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष के लिए आवंटन 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना कर दिया जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में 15000 से अधिक स्‍कूलों को राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों को शामिल करके गुणवत्‍ता रूप से मजबूत बनाया जाएगा। उन्‍होंने यह भी घोषणा की कि एनजीओ/निजी स्‍कूलों/राज्‍यों की भागीदारी में 100 नए सैनिक स्‍कूल स्‍थापित किए जाएंगे। उन्‍होंने एक छत्रक निकाय के रूप में एक भारतीय उच्‍च शिक्षा आयोग स्‍थापित करने का भी प्रस्‍ताव किया है। राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के लिये पांच वर्षों के लिए परिव्‍यय 50 हजार करोड़ रुपए होगा।







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