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Monday May 13, 2024
Aryavart Times

15वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत बनाए रखने की सिफारिश की

15वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत बनाए रखने की सिफारिश की

महामारी के दौरान विशेष रूप से संसाधनों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाए रखने के लिए, 15वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत बनाए रखने की सिफारिश की है। यह 2020-21 हमारी रिपोर्ट में दी गई सिफारिश जैसी ही है । यह राशि वितरण पूल के 42 प्रतिशत के समान स्तर पर है जैसा कि 14वें वित्त आयोगद्वारा अनुशंसित है। हालांकि, इसमें जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव के बाद बने नए केन्द्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के आने से 1 प्रतिशत का आवश्यक समायोजन भी किया गया है।

15वें वित्त आयोगका आंकलन है कि अगले 5 साल में सकल कर राजस्व 135.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। उसमें से, डिविजबल पूल (सेस और सरचार्ज और कलेक्शन की लागत) में कटौती के बाद राजस्व 103 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान ।

राज्यों को 41 प्रतिशत हिस्सेदारी के तहत 2021-26 अवधि में 42.2 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।

इसी तरह राज्यों को 41 प्रतिशत हिस्सेदारी के तहत 42.2 लाख करोड़ रुपये और 10.33 लाख करोड़ रुपये अनुदान राशि के रूप में मिलेंगे (विस्तृत ब्यौरा बाद में दिया जाएगा)। इस तरह राज्यों की 2021-26 की अवधि के दौरान कुल हिस्सेदारी 50.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

15वां वित्त आयोगराज्यों को दी जाने वाली राशि (हिस्सेदारी + अनुदान) केंद्र के अनुमानित राजस्व का लगभग 34 प्रतिशत हस्तांतरित करता है। जिससे केंद्र सरकार के पास अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने और जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए सहूलियत बनी रहे।

राज्यों और संघ के राजस्व और व्यय के आकलन के समान मानदंडों के आधार पर आंकते हुए, 15वें वित्त आयोग ने सत्रह राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी)2,94,514 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है।

15वें वित्त आयोगने सिफारिश की है कि राज्यों द्वारा 2022 तक उनके बजट का 8 प्रतिशत से अधिकस्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाया जाना चाहिए।

डॉक्टरों की उपलब्धता में अलग-अलग राज्यों में असमानता को देखते हुए, अखिल भारतीय चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा का गठन करना आवश्यक है, जैसा कि अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1951 की धारा 2(ए) के तहत उल्लिखित है।

स्वास्थ्य क्षेत्र को दी जाने वाली कुल सहायता 1,06,606 करोड़ रु की है, जो कि 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदान सहायता का 10.3 प्रतिशत है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यह अनुदान बिना शर्त दी जाएगी।

आयोग ने 6413 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं (मातृभाषा) में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों (चिकित्सा और इंजीनियरिंग) को प्रोत्साहित करने के लिएऑनलाइन शैक्षिक गतिविधियों को

बढ़ावा देने की सिफारिश की है।

15वें वित्त आयोगने कृषि सुधारों को लागू करने के लिए सभी राज्यों के लिए प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन के रूप में 45,000 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है।

रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा : केंद्र सरकार भारत के सार्वजनिक खाते में, कभी खत्म नहीं होने वाली निधि के तहतरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए आधुनिकीकरण कोष(एमएफडीआईएस) का गठन कर सकती है। 2021-26 की अवधि में प्रस्तावित एमएफडीआईएस का कुल 2,38,354 करोड़ रुपये का अनुमानित कोष हो सकता है।







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