बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी बल्कि अकेले चुनाव लड़ेगी ।
मायावती ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर सरकार बनाएगी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन के मौके पर केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका लगाए जाने की सुविधा प्रदान करे तथा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने समेत किसानों की सभी मांगें भी स्वीकार करे।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बसपा इन दोनों राज्यों में किसी भी दल के साथ किसी तरह का चुनावी समझौता नहीं करेगी।’’
बसपा प्रमुख ने कहा कि इसका मतलब यह है कि उनकी पार्टी इन दोनों राज्यों में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी।’’
बसपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में पहले के सपा और कांग्रेस के शासनकाल तथा अब भाजपा के शासनकाल को भी लोग पसंद नहीं कर रहे हैं। वे बसपा को मौका देना चाहते हैं। उत्तराखंड में भी यही स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं।
मायावती ने कहा, ‘‘हमें गरीबों, कमजोरों और उपेक्षित वर्गों के वोटों को बंटने नहीं देना है। हमें इन वर्गों को फिर साथ करके सत्ता हासिल करनी है। 2003 के अनुभवों से प्रेरणा लेकर बसपा को फिर से सत्ता में आना है। उस समय की मेहनत का नतीजा था कि 2007 में बसपा की बहुमत की सरकार बनी थी। उसी तरह से एक बार फिर सत्ता प्राप्त करनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कार्यकर्ता मेहनत करके उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में बसपा की सरकार लाते हैं तो यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा।’’
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