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Thursday May 09, 2024
Aryavart Times

अयोध्या में राम मंदिर जमीन खरीद मामले की जांच की मांग, विहिप ने आरोपों को दुष्प्रचार बताया

अयोध्या में राम मंदिर जमीन खरीद मामले की जांच की मांग, विहिप ने आरोपों को दुष्प्रचार बताया

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की जमीन खरीद में कथित घोटाले की बात सामने आने पर हंगामा मचा हुआ है।  विपक्षी दलों के नेता, मंदिर के ट्रस्ट और सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं । योगी सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं और मोदी सरकार से जांच की मांग की जा रही है 

वहीं, विश्व हिन्दू परिषद एवं श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट का कहना है कि अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत महत्वपूर्ण मन्दिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ क्रय की गयी है और सभी राम भक्त इस प्रकार के दुष्प्रचार पर विश्वास न करें।

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी चंपत राय ने अपने बयान में कहा कि ‘‘उपर्युक्त वर्णित भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के समीप मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान (प्राइम लोकेशन) है।’’

उन्होंने कहा कि इस भूमि के सम्बन्ध में वर्ष 2011  से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 व 2019 ) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ। खोजबीन करने पर यह भूखण्ड हमारे उपयोग हेतु अनुकूल पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया। भूमि का जो मूल्य माँगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की गयी, अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है।

राय ने कहा कि मूल्य पर सहमति हो जाने के पश्चात् सम्बन्धित व्यक्तियों को अपने पूर्व के अनुबन्धों को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को प्राप्त हो सकती थी।

उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र के साथ अनुबन्ध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता एवं पारदर्शिता के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया व पंजीकृत कराया।

चंपत राय ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र का प्रथम दिवस से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किये जायेंगे, सम्बन्धित भूमि की क्रय प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है।यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार द्वारा लगाये गये सभी कर आदि का भुगतान हो जाये । 

राय ने कहा, ‘‘आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की, इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें ताकि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर का पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रहा निर्माण कार्य शीघ्र निर्विघ्न सम्पन्न हो।’’

बयान के अनुसार, ‘श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र’ श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य स्वरूप प्रदान कराने, शेष परिसर को सभी प्रकार से सुरक्षित तथा दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए कार्य कर रहा है।इस निमित्त मन्दिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिंग वाल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मन्दिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से क्रय किया जा रहा है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम भक्तों को राम द्रोही उपदेश न दें । राम भक्तों का भरोसा अटल, राजनीति स्वीकार नहीं । रामलला का भव्य मंदिर निर्माण राम द्रोहियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा ।







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