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Friday May 10, 2024
Aryavart Times

क्या कोरोना वायरस वास्तव में चीन का जैविक हथियार तो नहीं ?

क्या कोरोना वायरस वास्तव में चीन का जैविक हथियार तो नहीं ?

क्‍या कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए चीन ने सालों तक रणनीति बनाई  ? विदेशी मीडिया में कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पांच साल पहले यानि 2015 से ही कोरोना वायरस (सार्स--कोव) पर शोध कर रहा था और चीन के बुहान लैब में तैयार इस वायरस को जैविक हथियार के परीक्षण के तैयार पर हस्तेमाल किया गया था ।  

विदेशी मीडिया की रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी के हाथ एक गोपनीय दस्तावेज लगा है जिसमें इस बात का दावा किया गया है । इसमें कहा गया है कि चीन का मानना है कि आने वाले तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियार से लड़ा जायेगा जिसमें पैसा कम लगेगा और तबाही ज्यादा होगी । 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, वैज्ञानिकों एवं हथियार विशेषज्ञों के 18 लेखकों की दल ने एक रिपोर्ट तैयार की थी । इससे यह बात सामने आई कि कोरोना वायरस बुहान लैब में एक परीक्षण हथियार के तौर पर तैयार किया गया । इसमें इस बारे में भी शोध किया गया कि इसे कब और कैसे छोड़ा जाए । 

आस्ट्रलिया के एक पत्रिका में भी इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की गई है ।

इसमें शोध के बाद यहां तक कहा गया कि इस वायरस को सूरज की तेज रौशनी, बारिश या बर्फबारी के समय नहीं छोड़ा जाए बल्कि शांत या कम हवा के समय छोड़ा जाए । 

वैसे बता दें कि कोरोना वायरस कहां से आया, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि, शुरुआत से चीन के वुहान शहर पर उंगली उठती रही है। अमेरिका कई बार ये आरोप लगा चुका है कि चीन ने जानबूझकर कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में फैलाया।

इस संबंध में यह समझाने की जरूरत है कि पिछले करीब डेढ वर्षो में कोरोना वायरस के कारण अमेरिका, यूरोपी, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, भारत सहित एशियाई देश गंभीर रूप से प्रभावित हैं । हालांकि चीन, जहां से कोरोना वायरस निकाला, वहां शुरूआती कुछ समय को छोड़ दें, तब स्थिति सामान्य बतायी जाती है । ऐसे में इस तर्क को बल मिलता है कि कहीं वास्तव में कोरोना वायरस चीन का जैविक हथियार तो नहीं । 







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